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राज्य के ESIC हास्पिटल में ढेरों खामियां, केन्द्र से 1400 करोड़ लेकर भी नहीं हो रहा कामगारों का उपचार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कामगार बीमा अस्पतालाें के खस्ताहाल के लिए कार्पोरेशन मेंबर ऑफ ESIC दिल्ली तथा टीयूसीसी के राष्ट्रीय महामंत्री एस. पी. तिवारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि कार्पोरेशन की ओर से राज्य सरकार को संपूर्ण भुगतान कर दिया गया है। महाराष्ट्र को प्रति वर्ष लगभग 1400 करोड़ रुपए निधि कार्पोरेशन से दिया जाता है। जबकि मुश्किल से 400 करोड़ रुपए कामगारों के स्वास्थ्य पर खर्च किया गया है। बाकी निधि अन्य मदों पर खर्च कर दिया गया है। कामगारों के स्वास्थ्य के लिए आवंटित निधि स्वास्थ्य सुविधाओं पर ही खर्च होना अपेक्षित है। हर महीने भुगतान लेकर कामगारों का स्वास्थ्य भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। कामगारों को उपचार के लिए दर-दर भटकने के लिए मजबूर करना अपराध है।
स्वास्थ्य सुविधाओं का लिया जायजा
कामगार बीमा अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने की शिकायतों का जायजा लेने पहुंचे तिवारी ने कमाल चौक तथा गणेशपेठ स्थित कामगारी बीमा डिस्पेंसरी का औचक निरीक्षण करने के बाद दैनिक भास्कर से चर्चा में ESIC अस्पतालाें के खस्ताहाल पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जब से हाफकीन कंपनी को औषधि आपूर्ति का ठेका दिया गया, तब से औषधि व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मरीज की चिट्ठी पर 15 दिन की औषधि लिखी जाती है। जबकि 2-3 दिन की दवा हाथ में थमाई जा रही है। बाकी दवा कामगारों को अपनी जेब से खर्च कर खरीदनी पड़ रही है। इस खर्च का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
केंद्र सरकार पूरी क्षमता से चलाने तैयार
तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार ESIC अस्पताल चलाने में असमर्थ रही है। केंद्र सरकार को सौंपने की हामी भी भरी थी। बाद में मुकर गई। डेढ़ महीने से यह आंखमिचौली चल रही है। यदि केंद्र के सुपुर्द किया जाता है, तो पूरी क्षमता के साथ चलाने के लिए केंद्र सरकार तैयार है।
निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े किए
ESIC अस्पताल में जिस बीमारी के उपचार की सुविधा नहीं है, ऐसी बीमारियों का इलाज कराने निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है। तिवारी ने बताया कि अनुबंधित अस्पतालों का करोड़ों रुपए बकाया है। बिल के भुगतान में 4-6 महीने लेटलतीफी और 20 से 30 प्रतिशत कटौती किए जाने से निजी अस्पतालों ने उपचार करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
राज्य की मनमानी पर लगेगी रोक
कामगारों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर राज्य सरकार मनमानी कर रही है। इसे रोक लगाने के लिए कार्पोरेशन ऑफ ईएसआईसी दिल्ली ने सोसाइटी बनाकर राज्य सरकार के अस्पताल चलाने के लिए सोसाइटी स्थापित करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार का निधि सीधे सोसाइटी को देने की व्यवस्था रहेगी। पूरा निधि कामगारों के स्वास्थ्य पर खर्च होने से राज्य सरकार की मनमारी पर रोक लगाने का तिवारी ने विश्वास व्यक्त किया।
Created On :   3 Jan 2019 8:46 AM GMT