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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण लागू, सीएम ने एक दिसंबर को जश्न मनाने का वादा पूरा किया
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक दिसंबर को मराठा समाज के जश्न मनाने के अपने वादे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरा कर दिया। शुक्रवार को मराठा आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद शनिवार (1 दिसंबर) को सरकार ने इससे जुड़ा राजपत्र भी जारी कर दिया। इसके बाद सारी संवैधानिक और प्रशासनिक औपचारिकताएं पूरी हो गईं और मराठा आरक्षण कानून राज्य में लागू हो गया है।
राज्य में अब मराठा समाज को 16 फीसदी आरक्षण मिल गया है। विशेष SEBC वर्ग यानी सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग बनाकर यह आरक्षण दिया गया है। राज्य सराकर ने पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) और विधेयक तैयार किया था। गुरूवार को विधानमंडल के दोनों सदनों ने एकमत से बिना चर्चा के इसे पास कर दिया था। इसके बाद बाकी बची औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गईं। बता दें कि पिछले कई सालों से मराठा समाज के लोग आरक्षण की मांग कर रहे थे।
राज्य की आबादी में 30 फीसदी हिस्सेदारी वाले मराठा समाज ने आरक्षण की मांग को लेकर राज्यभर में 58 मोर्चे निकाले थे और आंदोलन किए थे। पिछली सरकार ने राणे आयोग के आधार पर मराठा समाज को 16 फीसदी आरक्षण दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने नियमों का हवाला देते हुए इस पर रोक लगा दी थी। दरअसल संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक पिछड़ा आयोग की सिफारिश के आधार पर ही अब आरक्षण दिया जा सकता है।
आत्महत्या करने वालों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी
मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले युवकों के परिवार में से किसी एक सदस्य को राज्य परिवहन (ST) महामंडल में नौकरी दी जाएगी। परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने इसका ऐलान किया है। इससे पहले विपक्षी सदस्यों ने आत्महत्या करने वाले 42 युवकों के परिवारों को 15 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की मांग की थी जबकि शिवसेना उनके परिजनों के लिए नौकरी की मांग कर रही थी। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को मदद का वादा किया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि ऐसे संकेत नहीं जाने चाहिए कि सरकार अपनी मांग के लिए आत्महत्या करने वालों के साथ खड़ी रहती है।
Created On :   1 Dec 2018 2:09 PM GMT