आरक्षण मामले पर मराठा समाज और ओबीसी संगठन आ गए अब आमने-सामने

Maratha society and OBC organization comes face-to-face on reservation
आरक्षण मामले पर मराठा समाज और ओबीसी संगठन आ गए अब आमने-सामने
आरक्षण मामले पर मराठा समाज और ओबीसी संगठन आ गए अब आमने-सामने

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे मराठा समाज के लोगों ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े होने की जानकारी देने वाला लगभग 15 हजार लोगों का व्यक्तिगत निवेदन राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एम जी गायकवाड़ को सौंपा। जबकि ओबीसी समाज के विभिन्न संगठनों ने भी आरक्षण देने के विरोध में ज्ञापन आयोग को दिया। आरक्षण के मुद्दे पर मराठा समाज और ओबीसी समाज के संगठन आमने-सामने नजर आ रहे हैं। दरअसल ओबीसी संगठन नहीं चाहते हैं कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण मिले। साथ ही ओबीसी संगठन मराठा समाज को स्वतंत्र आरक्षण का भी विरोध कर रहे हैं। पर सूत्रों के अनुसार मराठा समाज ने मांग कि है कि उनका ओबीसी कोटे के आरक्षण में समावेश किया जाए।

पिछड़ा वर्ग आयोग को मराठा समाज के लोगों ने आरक्षण की मांग का सौंपा निवेदन 

शुक्रवार को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गायकवाड़ से मुंबई के फोर्ट में स्थित बांधकाम भवन में लगभग 148 संगठनों ने मुलाकात की। इसमें मराठा समाज और ओबीसी समाज दोनों संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे। मुंबई मराठा मोर्चे के संयोजक वीरेंद्र पवार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग राज्य भर से मराठा समाज के लोगों से उनके सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े होने की जानकारी जुटा रहा है। इसी क्रम में मुंबई पहुंचे आयोग को समाज के विभिन्न संगठनों ने अलग-अलग निवेदन सौंपा गया।

समाज के प्रतिनिधियों ने मुंबई में रहने वाले मराठा समाज के लोगों से व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ा एक फार्म भरवाया था। जिसे आयोग को दे दिया गया है। इसमें मराठा समाज के लोगों की व्यक्गित वार्षिक आय, रहने की जगह, शिक्षा के साथ सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी दी गई है। पवार ने कहा कि हमने आयोग से अपील की है कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप दे। जिससे मराठा समाज के विद्यार्थियों का इस साल का शैक्षणिक वर्ष खराब न हो।

दूसरी ओर ओबीसी संघर्ष समन्वय समिति के चंद्रकांत बावकर ने कहा कि मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मराठा समाज को अलग कोटे से भी आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। बावकर ने कहा कि मराठा समाज के लोग कुनबी नहीं हैं। इसलिए हमें ओबीसी आरक्षण की सूची में मराठा समाज को कुनबी के रूप में शामिल किए जाने का विरोध है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज सामाजिक रूप से पिछड़ा नहीं है। वह आर्थिक रूप से भले ही कमजोर हो सकता है। आर्थिक आधार पर मराठा जाति के रूप में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

बावकर ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को अब तक तीन आयोग खारिज कर चुका है। इसके बावजूद सरकार अब नया आयोग गठित करके मराठा समाज को आरक्षण देने का प्रयास कर रही है। जिसका हम विरोध करते हैं। इससे पहले मराठा समाज की ओर से अखिल मराठा फेडरेशन, मराठा क्रांति मोर्चा, बोरिवली के मराठा सहायक मंडल, संभाजी ब्रिगेड समेत दूसरे संगठनों ने आरक्षण के पक्ष में अपनी मांगे आयोग के सामने रखा। जबकि ओबीसी संघर्ष समन्वय समिति, कुनबी समाजोन्नती संघ, अखिल महाराष्ट्र मच्छिमार कृति समिति सहित कई संगठनों ने आरक्षण के विरोध में अपने तर्क दिए। 

 

Created On :   13 July 2018 4:08 PM GMT

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