हिंसा से सहानुभूति गंवा रहा मराठा आंदोलन, कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है: पवार

Maratha society is loosing sympathy due to agitation : Pawar
 हिंसा से सहानुभूति गंवा रहा मराठा आंदोलन, कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है: पवार
 हिंसा से सहानुभूति गंवा रहा मराठा आंदोलन, कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है: पवार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने मराठा आरक्षण के लिए किए जा रहे आंदोलन के दौरान हो रही हिंसा पर चिंता जताते हुए इसे रोकने की अपील की है। शनिवार को जारी अपने बयान में श्री पवार ने कहा कि मराठा समाज की मांग जायज है, लेकिन इसके लिए हिंसा का सहारा लिया जाना ठीक नहीं है। 

श्री पवार ने कहा कि अब तक मराठा आंदोलन बेहद शांतिपूर्ण रहा है, जिसकी हर तरफ तारीफ हुई। अब इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इस प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचे। पवार ने कहा कि कुछ लोग इस आंदोलन को बदनाम करने और समाज में फूट डालने की साजिश रच रहे हैं। मराठा समाज को अलग-थलग करने का षडयंत्र कभी कामयाब नहीं होगा। आंदोलनकारियों को इस साजिश से सावधान रहने की जरूरत है। पवार ने कहा कि हिंसा की ताजा घटनाओं के चलते पहले शांतिपूर्ण आंदोलनों से लोगों की जो सहानुभूति मिली थी वह खत्म हो रही है। यह सही बात नहीं है। आंदोलनकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। 

खराब है मराठा समाज की स्थिति
श्री पवार ने गोखले अर्थ-राज्यशास्त्र संस्था द्व्रारा किसान आत्महत्या को लेकर किए गए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इससे मराठा समाज की खराब स्थिति की जानकारी मिलती है। परिवार बढ़ने से खेतों के हो रहे बंटवारे से खेती लाभदायक नहीं रही। मराठा समाज में भूमिहिनों का प्रतिशत सबसे ज्यादा 28 फीसदी है। 54 फीसदी मराठा समाज अत्यंत अल्प भूमि धारक हैं, जबकि अल्प भूमिधारक 63 प्रतिशत हैं। इस समाज में आत्महत्या का प्रमाण 46 फीसदी है।

उन्होंने कहा कि साल दर साल खराब होती स्थित के कारण युवाओं में रोष स्वाभाविक है, लेकिन इसका इलाज आगजनी करना या खुदकुशी करना नहीं है। उन्होंने कहा कि एक बार कोई आंदोलन शुरु होने पर उसके अंत के बारे में भी विचार करना पड़ता है। पवार ने कहा कि इस आंदोलन से मराठा समाज की मांग से पूरा देश परिचित हुआ है। उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कुछ संवैधानिक प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए समय की जरूरत है। पवार ने कहा कि इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए की आंदोलन से राज्य के औद्योगिक क्षेत्र को क्षति न पहुंचे। इस तरह के हिंसक आंदोलन से राज्य में निवेश प्रभावित होगा और इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। 

Created On :   11 Aug 2018 12:20 PM GMT

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