पवित्र नदी में स्नान कर 'मार्गशीर्ष पूर्णिमा' पर इस विधि करें पूजा

Margashirsha purnima 2017, puja vidhi of lord vishnu or aghan
पवित्र नदी में स्नान कर 'मार्गशीर्ष पूर्णिमा' पर इस विधि करें पूजा
पवित्र नदी में स्नान कर 'मार्गशीर्ष पूर्णिमा' पर इस विधि करें पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष पूर्णिमा इस वर्ष 3 दिसंबर को मनाई जा रही है। पूरे माह पूजा-पाठ, व्रत के बाद पूर्णिमा के दिन पूजन का भी विशेष महत्व है। इसकी विशेष विधि है जिसका पालन करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान का पूजन करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के समान ही मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भी यह स्नान विशेष पुण्यों को प्रदान करने वाला होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा या बतीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

 

पुण्यकारी है गंगा, नर्मदा स्नान 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन  पवित्र स्थानों जैसे इलाहाबाद में गंगा सहित हरिद्वार, बनारस व मथुरा भी लोग पहुंचते हैं। इस दिन जितना गंगा स्नान पवित्र बताया गया है उतना ही नर्मदा स्नान भी पुण्यकारी है। क्योंकि नर्मदा को गंगा से अधिक पवित्र बताया गया है और इस उल्लेख नर्मदा पुराण सहित शिव पुराण में भी मिलता है।

 

पूजा विधि

- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर भगवान सत्यनारायण की कथा श्रवण का महत्व है। इस संबंध में कहा जाता है कि जितना कथा वाचन का महत्व है उतना ही अधिक इसका पुण्य उस प्रत्येक भक्त को मिलता है जो इसका श्रवण करता है। 
-पूजा में धूप, दीप, अगरबत्ती के बाद चूरमा का भोग लगाया जाता है। यह भोग श्रीहरि भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। 
-पूजा पूर्ण होने पर हवन किया जाता है। हवन करते हुए ओम नमः शिवाय का भी जाप करना चाहिए। इसके अतिरिक्त भगवान विष्णु के जितने भी नामों का स्मरण है जपते हुए आहुति दें। 
-इसके पश्चात उनसे परिवार की सुख समृद्धि की कामना करें। 
-पूजा के बाद अपने सामथ्र्य के अनुसार ब्राम्हणों, गरीबों को भोजन कराया जा सकता है। 
-पूरे माह की ही भांति पूर्णिमा के दिन दान करने के साथ ही दीपदान करना ना भूलें। 
-कहा जाता है इस विधान से सभी संकटों का निवारण होता है। 

Created On :   16 Nov 2017 4:24 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story