मटका किंग गोयल ने नागपुर में भी की है 4 करोड़ की ठगी,जमानत पर लगाई आपत्ति

Matka king devendra goyal also fraud in nagpur,objection to bail
मटका किंग गोयल ने नागपुर में भी की है 4 करोड़ की ठगी,जमानत पर लगाई आपत्ति
मटका किंग गोयल ने नागपुर में भी की है 4 करोड़ की ठगी,जमानत पर लगाई आपत्ति

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट में मटका किंग देवेन्द्र गोयल की जमानत याचिका पर सोमवार को आपत्ति पेश की गई। आपत्ति में कहा गया है कि आरोपी मटका सट्टा का बड़ा रैकेटियर है। उसने नागपुर में लगभग 4 करोड़ रुपए की ठगी की है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने आरोपी के अधिवक्ता से आपत्ति का जवाब मांगा है। जमानत की अगली सुनवाई 10 जून को नियत की गई है। 
 

मटका सट्टे का बड़ा रैकेटियर है

अभियोजन के अनुसार ग्वारीघाट पुलिस ने 18 मई को देवेन्द्र गोयल सहित दो अन्य युवकों को सुखसागर वैली में मटका का सट्टा खिलाते हुए गिरफ्तार किया था। पुलिस उनके खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, आईटी एक्ट की धारा 66 डी और गैम्बलिंग एक्ट की धारा 4 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। जबलपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अयाज मोहम्मद ने 24 मई को देवेन्द्र गोयल की जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई है। सोमवार को नागपुर निवासी संदीप अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता निशांत दत्त के माध्यम से आपत्ति पेश की गई। आपत्ति में कहा गया कि देवेन्द्र गोयल ने टूर एंड ट्रेवल्स के नाम पर 4 करोड़ की ठगी की है। वह मटका सट्टे का बड़ा रैकेटियर है। इसलिए उसकी जमानत खारिज की जाए। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी जिस करण सिंह नामक व्यक्ति का बैंक एकाउंट चला रहा है, अभी तक उस व्यक्ति के बयान नहीं हुए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आरोपी के अधिवक्ता को आपत्ति का जवाब पेश करने के लिए कहा है।
 

अपहृत किशोरी को माता पिता के साथ भेजने का आदेश

हाईकोर्ट ने भोपाल के गांधी नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली अपहृत  किशोरी को उसके माता-पिता के साथ भेजने का आदेश दिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने इसके साथ ही बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण कर दिया है। भोपाल के गांधी नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले लक्षमण कुशवाहा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया कि उसकी बेटी का पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने अपहरण कर लिया है। याचिका में कहा गया कि 24 जून 2019 को जिस समय उसकी बेटी का अपहरण हुआ, उस समय उसकी बेटी की उम्र 18 वर्ष से कम थी। अब उसकी बेटी की उम्र 18 वर्ष से अधिक हो चुकी है। अधिवक्ता केके पांडे और नीलम गोयल ने तर्क दिया कि पुलिस किशोरी की तलाश करने में लापरवाही कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान एकल पीठ ने आदेशित किया था कि किशोरी को पेश किया जाए या फिर भोपाल एसपी और गांधी नगर टीआई कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें। 30 मई को गांधी नगर टीआई ने कोर्ट में हाजिर होकर बताया कि किशोरी को तलाश कर लिया गया है। सोमवार 3 जून को किशोरी को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस की ओर से बताया कि आरोपी किशोर को धारा 363, 366, 376 के तहत किशोर सुधार गृह भेजा गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने किशोरी को उसके माता-पिता के साथ भेजने का आदेश दिया है।
 

Created On :   4 Jun 2019 7:57 AM GMT

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