जैन तीर्थ स्थान के रूप में विकसित हो सकता है ब्यौहारी का मऊ गांव

Mau Village of Beohari tehsil can developed as a Jain pilgrimage
जैन तीर्थ स्थान के रूप में विकसित हो सकता है ब्यौहारी का मऊ गांव
जैन तीर्थ स्थान के रूप में विकसित हो सकता है ब्यौहारी का मऊ गांव

डिजिटल डेस्क, शहडोल/ब्यौहारी। शहडोल जिले से 80 किलोमीटर दूर तहसील मुख्यालय ब्यौहारी के ग्राम पंचायत मऊ को जैन तीर्थ स्थान के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं। गांव में पुरातत्व महत्व के साथ जैन धर्म से जुड़ी अनेक पाषाण प्रतिमाओं के मिलने का सिलसिला जारी है। खुदाई के दौरान मिली अनेक प्रतिमाओं को पुरातत्व विभाग अपने संरक्षण में ले चुका है। दावा किया जा रहा है कि अभी भी सैकड़ों-हजारों प्रतिमाएं जमीन के अंदर पड़ी हुई हैं। करीब 80 वर्ष पूर्व विशालकाय प्रतिमा श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान की खडगासन रूप में इसी ग्राम मऊ के भूगर्भ से प्राप्त हुई थी, जिसकी प्रतिष्ठा जैन मंदिर सतना में की गई है।

राजा बालम के शासन काल में बने मंदिर
जैन समाज का कहना है कि मऊ में राजा बालम के शासन कालीन स्थापत्य की दृष्टि से भव्य जैन मंदिरों का निर्माण कराया गया था। किन्हीं कारणोंवश खेतों व जमीन के अंदर पाषाण प्रतिमाएं समा गईं। पुरातात्विक महत्व की धरोहर आज भी करीब 24 प्राचीन मंदिरों के भग्नावशेष मौजूद हैं। समाज के लोगों का कहना है कि पूर्व में भी कई जैन मुनियों व जैन समाज के धर्मावलंबियों को मऊ में विराजमान देव द्वारा दिव्य स्वप्र के माध्यम से अपनी उपस्थितियों का आभास कराया गया है।

40 वर्षों से चल रही संरक्षित करने की कवायद
स्थानीय जैन समाज व पुरातत्व विभाग करीब 40 वर्षों से धरोहर को संरक्षित करने के प्रयास चल रहे हैं। वर्ष 2010 में शहडोल प्रवास पर भोपाल से पहुंचे आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार व संग्रहालय अशोक शाह द्वारा भी मऊ स्थित प्रतिमाओं को संरक्षित करने के निर्देश स्थानीय संग्रहालय को किया गया था, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप प्रयास नहीं हुए। श्री 1008 शांन्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मऊ के अध्यक्ष सिंघई अमृतलाल जैन का कहना है कि प्रापर खुदाई नहीं कराने से प्रतिमाओं की चोरी भी हो रही है। उन्होंने तीर्थकर प्रतिमाओं की खुदाई पुरातत्व विभाग के संरक्षण में करवाते हुए भविष्य में मऊ को तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग की है। इससे न केवल धर्म लाभ प्राप्त होगा बल्कि ग्रामीण जनता को व्यापारिक मजबूती मिलेगी और मऊ का नाम देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर सकेगा।

निरीक्षण करने जबलपुर से पहुंची टीम
मऊ में धार्मिक महत्व के ऐतिहासिक प्रतिमाओं की खुदाई व संरक्षण को लेकर जैन समाज की मांग पर मंगलवार को पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जबलपुर से पीसी महोविया उप निर्देशक, पीके राव, रामनाथ परमा रिटायर्ड गाईड की  टीम पहुंची। टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर मंदिरों के भगनावशेष जो कि भूगर्भ में स्थित है, उनकी जांच कर सर्वे किया और रिपोर्ट तैयार की गई। जिसमे यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि यहा 7 वीं सदी में कोई बहुत बड़ा क्षेत्र था। पुरातत्व की टीम द्वारा यहां 17 टीलों का सर्वेक्षण किया गया। महोविया द्वारा बताया गया कि टीलों के निरीक्षण से यह समझ आया कि यहां प्राचीन मंदिरों के भगनावशेष प्रत्यक्ष रूप से मैजूद हैं। जिनकी साफ सफाई कर संरक्षित करना बहुत अनिवार्य है। टीम द्वारा सर्वे रिपोर्ट भोपाल भेजी गई है। ब्यौहारी जैन समाज को आश्वासन भी दिया गया कि जल्द से जल्द टीलों कि सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा।

 

Created On :   15 March 2019 8:03 AM GMT

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