पिछली पॉकेट में रखते हैं बटुआ तो हो जाएं सावधान, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम

पिछली पॉकेट में रखते हैं बटुआ तो हो जाएं सावधान, भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम


 

डिजिटल डेस्क। लाइफस्टाइल बदलने के साथ लोगों की आदतें भी बदल गई हैं। लोग नए फैशन को फॉलो करते हैं लेकिन कई बार ऐसा करना भारी पड़ जाता है। आजकल हर कोई जेब में पर्स रखता है। खासकर पुरुष तो पैंट की पिछली जेब में, अपने पास पैसे रखना हमारी जरूरत है, लेकिन पैसे कैसे और कहां रखे जाएं आप पर निर्भर करता है। पिछले जेब में पर्स रखना अब लोगों की आदत में शामिल हो गया है। एक तो ये वहां से गिरता नहीं है और दूसरा पिछली जेब में एक लॉक बटन होता है, जिससे इसे चोरी करना भी आसान नहीं होता है। इस आदत के भले ही लोगों को फायदे नजर आते हैं, लेकिन आपको बता दें इस पिछली जेब में बटुआ रखने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। सुनने में शायद अजीब लगे, आप शायद विश्वास भी ना करें, लेकिन इस पर की गई कई रिसर्च में यही साबित हुआ है। आइए जानते है कि पैंट की पिछली पॉकेट में पर्स रखने के क्या नुकसान हो सकते हैं। 

 

सबसे बड़ा खतरा

हमारे यहां पब्लिक प्लेस या ट्रांसपोर्ट में यूं ही "जेब कतरों से सावधान" नहीं लिखा जाता है। पीछे की पॉकेट में रखा वॉलेट कब गायब हो जाता है, पता ही नहीं चलता। अब इस नुकसान के बारे में तो आपको पता ही है। हम स्वास्थ्य से जुड़े नुकसानों के बारे में बात करते हैं।

 

 

दो प्रमुख प्रभाव

पीछे के पॉकेट में वॉलेट रख लेने मात्र से नहीं बल्कि वॉलेट रखकर बैठना मुख्य समस्या है। बैक पॉकेट में वॉलेट रखने से पोस्चर तो बिगड़ता ही है। यह आपके शरीर के पिछले हिस्से लिए भी ठीक नहीं होता है।

 

हिप्स पर पड़ता है प्रभाव

 
एक जेब में वॉलेट रखकर बैठने से बैलेंस बिगड़ता है और कूल्हों और पेल्विस का आकार खराब होता है। एक हिप के दूसरे से ऊपर होने की वजह से कमर और पीठ के साथ ही गर्दन पर भी असर पड़ता है। इस वजह से कमर और गर्दन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं।

 

रीढ़ का बुरा हाल

 
बैक पॉकेट में वॉलेट होने की वजह से व्यक्ति सीधा नहीं बैठ पाता है। इस वजह से रीढ़ की हड्डी भी झुकती है। इस वजह से स्पाइनल जॉइंट्स, मसल्स और डिस्क आदि में दर्द होता है। ये ठीक से काम नहीं करते हैं। इतना ही नहीं ये धीरे-धीरे इन्हें डैमेज भी करने लगते हैं।

 

 

साइटिका का दर्द

 
मोटे वॉलेट की वजह से अधिक दबाव पड़ने से साइटिका नर्व, ग्लूटल मसल्स व रक्त ले जाने वाली नसों पर अत्याचार होता है, इनमें जलन, दर्द आदि होता है।

 

 

 

ड्राइव करना पड़ सकता है भारी

 
एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि वॉलेट पर बैठकर 30 मिनट तक ड्राइव करने से पीठ का दर्द या साइटिका का दर्द हो सकता है। यह दोनों ही दर्द आपको बेचैन करते हैं।

 

 

फोर्मिस सिंड्रोम का खतरा

 

पैंट की पिछली जेब में पर्स रखने से पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक बीमारी हो सकती है। इस बीमारी में मरीज को असहनीय दर्द होता है। जेब में पर्स लिए घंटो बैठे रहने से पायरी फोर्मिस मसल्स दब जाती और पैरों में तेज दर्द होने लगता है। युवा इस बीमारी का अधिक शिकार हो रहे है। यदि आप भी एेसी गलती कर रहे है तो समय रहते अपनी आदत बदल लें। पायरी फोर्मिस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है। इस बीमारी के सबसे अधिक मरीजों की संख्या उन लोगों की है जो घंटों तक बैठने का काम करते है।

 

असहनीय होता है साइटिका का दर्द

 
साइटिका का दर्द बढ़ जाने पर व्यक्ति तड़प सा जाता है। यह दर्द कमर से शुरू होकर पैरों तक जाता है। इस स्थिति में पैर सुन्न हो जाना, सुई चुभना और चलने में दिक्कत होना आदि भी होता है।

 

इनका करें चुनाव

 
यदि आपको वॉलेट रखना बहुत पसंद है तो आप सिर्फ कार्डहोल्डर या बिल्फोल्ड टाइप के वॉलेट्स अपने साथ रखें। ये पतले वॉलेट्स आपका काम पूरा करेंगे और नुकसान भी नहीं पहुंचाएंगे।

 

 

ये भी ऑप्शन

 
आप अपने पॉकेट को जैकेट, फ्रंट पॉकेट या साइड पॉकेट में रख सकते हैं। अगर आपको वॉलेट बैक पैकेट में ही रखना है तो आप बैठते वक्त वॉलेट निकालकर रख सकते हैं। तो कुछ ऐसे थे बैक पॉकेट में वॉलेट रखने से होने वाले नुकसान। अगली बार अपना वॉलेट बैक पैकेट में रखने से पहले ध्यान रखिएगा। साथ ही इस स्टोरी को अन्य लोगों के साथ शेयर जरूर करें।

 

 

कहां हुआ अध्ययन

-जर्नल ऑफ बोन हेल्थ ने इस पर वर्ष 2013 में अध्ययन किया, जिसमें माइक्रो वॉलेट के इस्तेमाल पर जोर दिया गया।

-एम्स के आर्थोपेडिक्स विभाग द्वारा साइटिका के दर्द की वजह का पता लगाने के लिए बिग फैट पर्स पर 2008 में अध्ययन।

-इंडियन सोसाइटी ऑफ फिजियोथेरेपी के जर्नल के अनुसार 20 से 55 की उम्र के 30 फीसदी लोग साइटिका के शिकार।

ऐसे में अगर आप भी अपने पर्स में ढेर सारे कार्ड रखते हैं तो संभल जाएं, ये बीमारी को दावत दे सकता है। 

Created On :   16 April 2018 6:57 AM GMT

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