मेडिकल में सफाई कर्मियों ने फिर किया काम बंद, नवम्बर से रुका भुगतान

Medical college hospital workers protest against management for payment
मेडिकल में सफाई कर्मियों ने फिर किया काम बंद, नवम्बर से रुका भुगतान
मेडिकल में सफाई कर्मियों ने फिर किया काम बंद, नवम्बर से रुका भुगतान

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भुगतान न होने के कारण सफाई कर्मियों ने एक बार फिर काम बंद कर दिया है। कर्मचारियों ने पिछले महीने भी वेतन नहीं मिलने की बात पर काम बंद कर दिया था, तब कॉलेज प्रबंधन के आश्वासन पर ठेका कंपनी संचालक ने अपने पास से भुगतान किया था। अब ठेकेदार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं, जिससे आने वाले दिनों में अस्पताल की सफाई व्यवस्था चौपट होने की संभावना है। नवम्बर से भुगतान नहीं होने की बात पर डीन का कहना है कि बजट तो है, लेकिन ऊपर से ही रोक लगी होने के कारण पेमेंट नहीं हो पा रहा है। बहरहाल अब प्रबंधन ने स्वशासी मद से ठेकेदार को कुछ भुगतान करने की तैयारी की है।
134 सफाई कर्मचारी संभालते हैं सफाई का काम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सफाई का काम निजी एजेंसी के 134 सफाई कर्मचारी संभालते हैं, इसके एवज में कॉलेज प्रबंधन द्वारा प्रतिमाह की दर से 19 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। अप्रैल 2017 से यह काम संभाल रही एचएस कंपनी को अक्टूबर तक अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ही हर माह भुगतान किया गया, लेकिन इसके बाद ट्रेजरी से रोक लगने की बात कर पेमेंट नहीं की जा रही है। सफाई कर्मचारियों ने पिछले महीने भी वेतन नहीं मिलने की बात पर हड़ताल की थी तब कॉलेज प्रबंधन ने ठेकेदार को जल्द भुगतान का आश्वासन देकर अपने पास से कर्मचारियों का वेतन देने कहा गया। ठेकेदार का कहना है कि चार महीने से वह कर्ज लेकर कर्मचारियों को वेतन दे रहा है अब नहीं दे सकता।
हाईट्स संभालेगी काम -

वर्तमान में मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था देख रही दिल्ली की हाईट्स एजेंसी(एचएलएल) एक अप्रैल से यहां की सफाई व्यवस्था भी संभालेगी। इस एजेंसी को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा, सफाई का काम दिया गया है।
स्वशासी मद से होगा भुगतान
डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया कि बजट होने के बाद भी ट्रेजरी से पेमेंट प्रोसेस नहीं हो रही है। उनका कहना था कि दूसरे विभागों में भी भुगतान पर रोक लगी है। कॉलेज प्रबंधन अब अपने स्वशासी मद से सफाई कर्मचारियों को भुगतान करने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए समिति अध्यक्ष संभागीय आयुक्त से अनुमति लेने की प्रक्रिया की जा रही है। प्रबंधन का मानना है कि एक-दो दिन में भुगतान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, सफाई कार्य प्रभावित नहीं होगा।
पिछली एजेंसी का भी पेमेंट रुका- पिछले साल सफाई काम का ठेका लेने वाली आर्यन एजेंसी का कुछ भुगतान अभी तक प्रबंधन ने रोक कर रखा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी ने बताया कि उस एजेंसी संचालक ने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं किया था जिसके कारण उसका कुछ भुगतान रोका गया है। पीएफ में पैसा जमा होते ही बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।

 

Created On :   14 March 2018 8:01 AM GMT

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