MP : व्यापारियों को GST के अलावा अब देना होगा वृत्ति कर

Merchants will also have to give Instinct tax with GST
MP : व्यापारियों को GST के अलावा अब देना होगा वृत्ति कर
MP : व्यापारियों को GST के अलावा अब देना होगा वृत्ति कर


डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यापारियों को अब GST के अलावा वृत्ति कर भी देना होगा। इसके लिए 22 साल पुराने मप्र वृत्ति कर अधिनियम 1995 में संशोधन कर दिया गया है। दरअसल पहले प्रदेश में वैट कानून लागू था। लागू वैट कानून के तहत रजिस्टर्ड व्यापारियों को सालाना 10 लाख रुपए की बिक्री पर कोई वृत्ति कर नहीं देना होता था तथा 10 लाख से 50 लाख रुपए सालाना बिक्री पर 2 हजार रुपए तथा 50 लाख रुपए सालाना से अधिक बिक्री पर 2500 रुपए वृत्ति कर वसूला जाता था। 

अब प्रदेश में वैट कानून के तहत टैक्स लेने का प्रावधान खत्म हो गया है तथा उसके स्थान पर GST कानून प्रभावशील हो गया है। इसलिए राज्य सरकार ने वृत्ति कर कानून के तहत लिए जाने वाली टैक्स की राशि का पुराना प्रावधान समाप्त कर दिया है यानि अब वार्षिक बिक्री के आधार पर वृत्ति कर नहीं लिया जाएगा बल्कि यह वृत्ति कर उन सभी व्यापारियों से लिया जाएगा जोकि GST कानून के तहत रजिस्टर्ड हैं और इन पर एक समान दर यानि ढाई हजार रुपए वृत्ति कर राज्य सरकार हर साल वसूलेगी। 

GST कानून के तहत 20 लाख रुपए सालाना बिक्री पर कोई GST नहीं देना होता है, लेकिन अब 20 लाख रुपए से कम अज्ञिवा इससे अधिक सालाना बिक्री वाले सभी GST में रजिस्टर्ड व्यापारियों को सालाना ढाई हजार रुपs वृत्ति कर राज्य के खजाने में जमा कराना होंगे। मप्र वृत्ति कर अधिनियम में संशोधन का बिल हाल के विधानसभा में पारित भी हो चुका है। चूंकि 4 दिसंबर की विधानसभा बैठक में सत्र देर शाम तक चलने के कारण विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से बहिर्गम कर दिया था इसलिए इस पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी तथा स्पीकर ने इस संशोधन बिल को सत्तापक्ष के सदस्यों की उपस्थिति में ध्वनिमत से बिना चर्चा के पारित कर दिया था।


मप्र वाणिज्यिक कर एसडी रिछारिया उप सचिव का कहना है कि प्रदेश में GST कानून के तहत करीब तीन लाख व्यापारी रजिस्टर्ड हैं तथा अब इन सभी को ढाई हजार रुपए सालाना वृत्ति कर देना होगा। वैसे GST कानून आने के बाद करीब 25 हजार ऐसे व्यापारी भी हैं जिन्होंने सालाना बिक्री 20 लाख रुपए कम होने के कारण अपने को GST कानून में डिरज्स्टिर्ड भी कराया है। ऐसे में सिर्फ रजिस्टर्ड व्यापारियों पर ही वृत्ति कर लगेगा, डिरजिस्टर्ड पर नहीं। नया संशोधन राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद लागू हो जाएगा जिसमें करीब एक सप्ताह लगेगा।  

Created On :   8 Dec 2017 6:30 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story