उपसा सिंचन कृषि कनेक्शन की विद्युत दर घटेगी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों का नहीं कटेगा कनेक्शन

Minister Chandrasekhar Bawankule held a meeting with the two organizations
उपसा सिंचन कृषि कनेक्शन की विद्युत दर घटेगी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों का नहीं कटेगा कनेक्शन
उपसा सिंचन कृषि कनेक्शन की विद्युत दर घटेगी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों का नहीं कटेगा कनेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र राज्य इरिगेशन फेडरेशन व महाराष्ट्र विद्युत उपभोक्ता संगठन की पुणे कोल्हापुर राजमार्ग को जाम करने की चेतावनी रंग लाई। ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दोनों संगठनों के साथ बैठक की। इस दौरान महावितरण के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि राज्य के अकालग्रस्त क्षेत्रों में कृषि कनेक्शनों को न काटा जाए। साथ ही उपसा सिंचन की की बिजली दर 1 रुपए 16 प्रति यूनिट करने के आदेश दिए हैं। यह दर मार्च 2020 तक लागू रहेगी। ऊर्जामंत्री ने बैठक में यह भी आश्वासन दिया कि पश्चिम महाराष्ट्र में 25 हजार सौर ऊर्जा चलित कृषि पंप लगाए जाएंगे व प्रलंबित ढ़ाई लाख कृषि कनेक्क्शनों को भी एचवीडीएस योजना के अंतर्गत विद्युत कनेक्क्शन दिए जाएंगे। 6 दिसंबर को महावितरण के मुख्यालय में ऊर्जामंत्री की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई। बैठक में महावितरण के प्रबंध निदेशक संजीवकुमार, कार्यकारी निदेश दिनेशचंद्र साबू, प्रसाद रेशमे, ऊर्जा सचिव उपसथित थे। संगठनों की ओर से बालासाहब पाटील भुयेकर, विद्युत विशेषज्ञ प्रताप होगाडे, आर.जी तांबे, अरुण लाड, विक्रांत पाटील किणीकर, जे.पी. लाड, चंद्रकांत पाटील, महादेव सुतार, मारुति जाधव, समीर पाटील कुंभेजकर, एम.जी. शेलार शामिल हुए। 

क्या है मामला
यह समस्या पुरानी है। उपसा सिंचन सहकारी स्तर पर कृषि को सिंचन का कार्य करते हैं। 2018 में कृषि कनेक्शन की दरें अनुदान के बाद 1 रुपए 20 पैसे से 1 रुपए 50 पैसे थी, जबकि उपसा सिंचन के लिए अनुदान के बाद यह दर 2 रुपए 42 पैसे थी। सितंबर में उपसा सिंचन से कृषि को सिंचित करने की दरें विद्युत दर महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने 4 रुपए 53 पैसे तय की। अनुदान के बाद ये दरें 2 रुए 37 पैसे होती हैं। जबकि कृषि कनेक्शन में दरें 1 रुपए 34 पैसे से 1 रुपए 64 पैसे हैं। संगठनों का कहना है कि सहकारिता से सिंचाई करने पर दरें और कम होना चाहिए। इसके लिए 27 मार्च 2018 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण करने के आदेश दिए थे। अब तक इस पर कोई कार्रवाई न होने पर संगठनों ने 24 दिसंबर को पुणे-कोल्हापुर राजमार्ग को जाम करने की चेतावनी दी थी। इसका ज्ञापन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपा गया था और उन्होंने 15 दिसंबर तक इस को पूरा करने का आश्वासन दिया था। 

Created On :   10 Dec 2018 8:15 AM GMT

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