फिर सुर्खियों में मोदी जैकेट, अब चीड़ के पेड़ से बनेगा नमो वस्त्र

फिर सुर्खियों में मोदी जैकेट, अब चीड़ के पेड़ से बनेगा नमो वस्त्र

डिजिटल डेस्क,देहरादून। हमेशा अपनी वेशभूषा और लाइफ स्टाइल के लिए फेमस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जैकेट एक बार फिर सुर्खियां बटोर रही है। बताया जा रहा है जिस जैकेट की चर्चा हो रही है वो चीड़ के पेड़ के रेशों से बनाई जाएगी। इस जैकेट को केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा पीएम मोदी को तोहफे के रुप में देंगे। सबसे खास बात ये है कि इस जैकेट को नमोवस्त्र नाम दिया गया है। अभी जैकेट बनी भी नहीं उससे पहले ही इतनी चर्चा हो रही है जब जैकेट बन जाएगी और मोदी उसे पहनेंगे तो आप खुद ही समझ सकते है कि क्या होगा ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने बताया कि हमने साल भर पहले ही चीड़ की लकड़ी के रेशे को निकालना शुरू किया है। जिससे अब कपड़े बनाए जाएंगे। इन रेशों को फैब्रिक के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, अभी इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस मामले पर उत्तराखंड सरकार में मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह साबित हो गया है कि उसका इस्तेमाल कपड़ा बनाने के लिए भी किया जा सकता है। 

चीड़ की खासियत

चीड़ उत्तराखंड की संस्कृति का प्रमुख हिस्सा है। उत्तराखंड  के 71 फीसदी जंगली हिस्से में से 16 फीसदी हिस्से पर केवल चीड़ के ही जंगल हैं। उत्तराखंड में चीड़ का पेड़ यहां एक त्योहार से भी जुड़ा है। गढ़वाल में इससे जुड़ा पंडवा त्योहार मनाया जाता है। अंतिम दिन चीड़ के एक पेड़ को गांव में लाया जाता है और पूरे पेड़ को स्थानीय फलों से सजाया जाता है। त्योहार खत्म होने पर इन फलों को प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है।

चीड़ हिमालय का मूल वृक्ष है, जो 500 से 2000 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। इसके साथ कोई अन्य पेड़ नहीं पाया जाता है। इस पेड़ में पाया जाने वाला ऐलिटोकेम किसी अन्य पेड़ को पनपने नहीं देता। चीड़ का पेड़ बहुत लंबा होता है। इसके तने की मोटाई दो से तीन मीटर तक होती है। इसकी खाल भूरे रंग की खुरदरी, मोटी होती है, जो ऊपर की ओर जाते-जाते पतली व मुलायम हो जाती है। चीड़ की पत्तियां सुई के रूप की होती हैं, जो कि हमेशा तीन के गुच्छे में होती हैं। चीड़ का कोन अंडाकार होता है।

मोदी लिखे सूट ने बटोरी सुर्खियां

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान यह सूट चर्चा में आया था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस सूट की कीमत 10 लाख रुपए थी, लेकिन 20 फरवरी 2015 में इस सूट को गुजरात के व्यपारी लालजीभाई पटेल ने 4 करोड़ 31 लाख 31 हजार 311 रुपए में खरीदा था। इस सूट पर सोने के धागे से पीएम का नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी लिखा हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सूट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। 

गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी कई बार पगड़ी लुक में नजर आते थे, लेकिन साल 2014 में केंद्र सरकार बनने के बाद लाल किले पर अपने पहले भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल साफा बांधा था। अपने इसी अंदाजा के लिए वो सुर्खियों मे आए थे। 

वहीं प्रधानमंंत्री जहां भी जाते है वहां की संस्कृति और वेशभूषा के कारण सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। मणिपुर, असम, मेघालय में पीएम ने उनके रीति-रिवाज का पालन किया  है।

इतना ही नहीं पीएम देश के साथ ही विदेशों में भी अपनी ड्रेसिंग सेंस को लेकर चर्चा में रहते हैं। 2015 में जब वो फ्रांस दौरे पर गए थे तो उन्होंने बिजनेस सूट जैसे ब्लेजर पहना था।

चीन की यात्रा के दौरान वो टेराकोटा वॉरियर्स म्यूजियम गए थे तो उन्होंने बंद गले के कुर्ते के साथ चू़ड़ीदार पजामा पहना था। इसके साथ बी कंधे पर शॉल भी ओढ़ी थी। काले रंग का चश्मा लगाकर उन्होंने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अलावा अन्य देशों के लोगों को भी अपने रंग में रंग लेते हैं। ऐसा ही एक नजारा नौंवे शिखर सम्मेलन में दिखाई दिया। जब ब्राजील,रुस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रधानमंत्रियों ने मोदी जैसी जैकेट पहनी थी। 

वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जैकेट को लेकर ही युवाओं में खादी की जैकेट पहनने का ट्रेंड बढ़ा है। पीएम मोदी अपनी विभिन्न जैकेटों को लेकर अपने आप को दूसरों से अलग बनाते हैं। अब देखना होगा कि इस बार चीड़ के पेड़ों के रेशों से बनाई जा रही जैकेट क्या रंग लाती है। 

Created On :   24 Jan 2018 5:31 AM GMT

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