नाबालिग माता-पिता के सुपुर्द, आरोपी को भेजा जेल , बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण

Minor give to the parents, accused going to jail, jabalpur
 नाबालिग माता-पिता के सुपुर्द, आरोपी को भेजा जेल , बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण
 नाबालिग माता-पिता के सुपुर्द, आरोपी को भेजा जेल , बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने पिछले 6 महीने से माधवनगर कटनी से लापता नाबालिग को माता-पिता के सुपुर्द करने का आदेश दिया है। इसके पूर्व कटनी पुलिस ने दिल्ली से तलाश कर नाबालिग को कोर्ट के समक्ष पेश किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी महेन्द्र उर्फ मोंटू शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। मामले की कार्रवाई पूरी होने के बाद जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निराकरण कर दिया है। 
 

कम्प्यूटर सेंटर से मोंटू शर्मा ने उसकी बेटी का अपहरण किया

कटनी माधवनगर निवासी एक व्यक्ति द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया कि 17 दिसंबर 2018 को उसकी 17 वर्षीय बेटी कम्प्यूटर सेंटर गई थी। कम्प्यूटर सेंटर से माधवनगर में रहने वाले महेन्द्र उर्फ मोंटू शर्मा ने उसकी बेटी का अपहरण कर लिया है। इस मामले में माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। अधिवक्ता केके पांडे, आरती द्विवेदी और कौशलेश पांडे के तर्क दिया कि आरोपी के पिता के दबाव में पुलिस 6 महीने से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। 24 जून को हाईकोर्ट ने कटनी पुलिस को आदेशित किया कि 15 दिन में नाबालिग को तलाश कर कोर्ट में पेश किया जाए, यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तो पुलिस अधीक्षक को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। कटनी पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली से नाबालिग को तलाश कर कोर्ट के समक्ष पेश किया। पुलिस की ओर से बताया कि आरोपी को जेल भेज दिया गया है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने नाबालिग को माता-पिता के सुपुर्द कर दिया।
 

15 जुलाई तक आदेश का पालन करो, या फिर अवमानना की कार्रवाई के तैयार रहो  

हाईकोर्ट ने गोविंदपुरा भोपाल के एसडीओ मनोज उपाध्याय को आदेशित किया है कि जाति प्रमाण-पत्र मामले में 15 जुलाई तक कोर्ट के आदेश का पालन करो या फिर अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहो। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने 15 जुलाई को कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। 
विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में कार्यरत अपेक्षा कुमारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसकी जाति जाटव है। जो अनुसूचित जाति में आती है। उसने एसडीओ गोंविदपुरा के समक्ष जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए आवेदन किया, लेकिन उसका जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाया गया। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने 14 मई 2018 को तीन माह के भीतर जाति प्रमाण-पत्र बनाने के निर्देश दिए थे। अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी जब जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान गोविंदपुरा एसडीओ हाजिर हुए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने आदेशित किया गया कि 15 जुलाई तक आदेश का पालन कर कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश की जाए, नहीं तो अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

Created On :   29 Jun 2019 8:04 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story