सहायिका को मिलता रहा कार्यकर्ता का मानदेय, सहायक संचालक से होगी वूसली

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
सहायिका को मिलता रहा कार्यकर्ता का मानदेय, सहायक संचालक से होगी वूसली

डिजिटल डेस्क, शहडोल। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का दूसरी जगह स्थानांतरण कर दिया और सहायिका को कार्यकर्ता का प्रभार दे दिया। इतना ही नहीं पद का दुरुपयोग करते हुए सहायिका को करीब साढ़े तीन साल तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मानदेय का भुगतान भी करा दिया। इस तरह शासन को 66750 रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। अब यह राशि तत्कालीन परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सोहागपुर और वर्तमान में सहायक संचालक राकेश खरे से वसूली की जाएगी।  कलेक्टर के अभिमत पर संभागायुक्त जेके जैन ने राकेश खरे से मानदेय के रूप में भुगतान की गई अनियमित राशि वसूल करने के आदेश मंगलवार को जारी किए हैं। आठ साल पुराने मामले में संयुक्त संचालक एकीकृत बाल विकास सेवा संभाग से प्रतिवेदन प्राप्त किया गया था। प्रतिवेदन के आधार पर जुलाई 2016 में राकेश खरे को तीन बिंदुओं पर आरोप पत्र जारी किए गए थे। करीब दो साल से यह कार्रवाई कलेक्टर का अभिमत नहीं मिलने के कारण रुकी हुई थी।
जानकारी के मुताबिक सहायक संचालक पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर से 2016 से अभिमत मांगा जा रहा है। इसके लिए अद्र्धशासकीय पत्र भी जारी किए गए थे। मौजूदा कमिश्नर जेके जैन ने 15 मई को भी इस संबंध में कलेक्टर को पत्र भेजा था। कलेक्टर अनुभा श्रीवास्वत द्वारा 26 सितंबर को भेजे गए अभिमत में लेख किया गया है कि ललिया तिवारी को नियम विरुद्ध मार्च 2010 से दिसंबर 2013 तक 66750 रुपए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय भुगतान कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है। इसके लिए सहायक संचालक राकेश खरे दोषी हैं।

यह है पूरा मामला
ग्राम गोरतरा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राधा बाई गुप्ता को गोरतरा से हटाकर आंगनबाड़ी केंद्र जमुआ क्रमांक-1 का भेज दिया गया। वहीं आंगनबाड़ी सहायिका ललिया तिवारी को गोरतरा का प्रभार सौंपा गया। तत्कालीन परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सोहागपुर राकेश खरे ने 24 फरवरी 2010 को इसके आदेश जारी किए गए। इतना ही नहीं 14 जून 2011 को कार्यालयीन आदेश जारी कर गोरतरा में जयवंती केवट की नियुक्ति सहायिका के रूप में कर दी गई। इस तरह से पद का दुरुपयोग करते हुए एक ही केंद्र में दो सहायिकाओं की नियुक्ति कर दी गई।  
अन्य लाभ भी दिए गए
आंगनबाड़ी सहायिका को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का प्रशिक्षण दिलाया गया। साथ ही कार्यकर्ता का डे्रस (साड़ी), बैच, मंगल दिवस, सामग्री पूर्ति आदि अन्य सभी प्रकार का लाभ दिया गया। यह कृत्य मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के अनुसार कदाचरण  की श्रेणी में आता है।

Created On :   16 Oct 2018 1:58 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story