मिताली क्रिकेटर नहीं होतीं तो भरतनाट्यम डांसर बनतीं, जानिए इस धाकड़ बल्लेबाज के बारे में

Mitali wanted to become dancer but Bharatnatyam left and Cricket bat picked up
मिताली क्रिकेटर नहीं होतीं तो भरतनाट्यम डांसर बनतीं, जानिए इस धाकड़ बल्लेबाज के बारे में
मिताली क्रिकेटर नहीं होतीं तो भरतनाट्यम डांसर बनतीं, जानिए इस धाकड़ बल्लेबाज के बारे में

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नाम बना चुकी भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज कभी अपने पांवों का कमाल क्लासिकल नृत्य ‘भरतनाट्यम’ में दिखाना चाहती थी। पर वक़्त का खेल देखिए। अब वह महिला क्रिकेट इतिहास में 6000 रन पूरे करने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं। 

आंखों में नींद और मन में भरतनाट्यम

मिताली के पिता उनके बचपन के दिनों के बारे में बताते है कि 'जब मिताली छोटी थी तो उसकी आंखों में नींद और मन में भरतनाट्यम था। और आज लोग इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर की तुलना मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर से करने लगे है, मिताली वर्तमान टीम में बल्लेबाजी की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं। बतौर कप्तान, मिताली राज का आत्मविश्वास इससे झलकता है कि जब टीम बल्लेबाजी कर रही होती है, तो वे अपने बैट और पैड बांध तैयार होकर बिना किसी तनाव के आराम से बैठकर किताब पढ़ती हैं। उनकी इस अदा को कुछ विशेषज्ञ महान क्रिकेटर से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि रिचर्ड्स ने कभी कप्तानी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

विवियन रिचर्ड्स की तरह कैप्टन कूल 

वे हमेशा कूल मूड में चुइंगम चबाते रहते थे और अपनी टोपी से धूल झाड़ते हुए आत्मविश्वास से बल्लेबाजी करते थे। उनका इस आत्मविश्वास का दीवाना हर खेल प्रशंसक हुआ करता था। मैदान तो छोड़िए मिताली राज का आत्मविश्वास तो मीडिया के सामने भी झलकता है। महिला विश्वकप के एक मैच से पहले एक रिपोर्टर ने पूछा कि आपका पसंदीदा पुरुष क्रिकेटर कौन है तो वे भड़क गई थी और जवाब दिया, उनका पसंदीदा क्रिकेटर पुरुष ही क्यों होना चाहिए, क्या उनकी पसंदीदा क्रिकेटर कोई महिला नहीं हो सकती है?

मिताली की कुछ बातों से आप आज भी अनजान है, जानते हैं हम उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें
1. 34 वर्षीय मिताली एक तमिल परिवार से हैं, लेकिन वह जोधपुर में पैदा हुई थी। मिताली के पिता भारतीय वायु सेना में थे और वह मिताली को क्रिकेटर बनाना चाहते थे। उनका बचपन हैदराबाद में बीता।
2. मिताली को भारतीय टीम के लिए महज 17 वर्ष की उम्र में आयरलैंड के खिलाफ चुना गया था उन्होंने अपने पहले ही मैच में नाबाद 114 रन बनाए थे।
3. 2002 में, मिताली ने लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। इसके बाद में इंग्लैंड के खिलाफ टॉन्टन में, उस मैच में 214 रनों का स्कोर बनाकर, उन्होंने सबसे ज्यादा व्यक्तिगत महिला टेस्ट स्कोर दर्ज किया।
4. मिताली के नेतृत्व में 2005 में भारत को पहली बार विश्व कप फाइनल में पहुंचने का मौका मौका मिला। हालांकि टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गयी लेकिन एक साल बाद टीम ने इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती।
5. राज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग 8,400 रन पूरे कर तीनों प्रारूपों में भारत की सर्वोच्च महिला रन स्कोरर बन गयी हैं।
6. मिताली ने 'भरतनाट्यम' नृत्य में भी ट्रेंनिग प्राप्त की है और अनेक स्टेज परफॉरमेंस दिए हैं। उनका कहना था कि अगर वे क्रिकेटर न होतीं तो अवश्य ही एक डांसर होतीं।
7. भारत की महान खिलाड़ियों में से एक मिताली राज को 21 सितम्बर 2004 के दिन उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया था।
8. 12 जुलाई 2012 को उन्होंने आईसीसी द्वारा जारी एकदिवसीय क्रिकेट की बल्लेबाजी रैंकिंग में पहली बार पहला स्थान पाया।
9. मिताली राज के नाम एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने का रिकॉर्ड भी है। उनके नाम सबसे ज्यादा 48 फिफ्टीज दर्ज हैं।
10. अनुशासनप्रिय पिता दुराई राज को मिताली का आलसी रवैया पसंद नहीं था, इस वजह से उन्होंने मिताली को 10 साल की बेहद कम उम्र में ही बल्ला थमा दिया। इस उम्र में आमतौर पर कोई भारतीय पिता अपनी बेटियों को बल्ला नहीं थमाता, पर मिताली के पिता अलग थे।

 

 

 

Created On :   18 July 2017 3:59 PM GMT

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