मोबाइल फोन की लत बच्चों से छीन रही उनका बचपन

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मोबाइल फोन की लत बच्चों से छीन रही उनका बचपन
मोबाइल फोन की लत बच्चों से छीन रही उनका बचपन


डिजिटल डेस्क । आज के वक्त में मोबाइल फोन लग्जरी या फैशनेबल चीज नहीं बल्कि जरूरत बन गया है। ये अगर आपके पास नहीं है तो जी तो सकते हैं, लेकिन बहुत से जरूरी काम नहीं कर सकते है, जो जीवन को आसान बनाने के लिए जरूरी है। जैसे बैंकिग, पेमेंट करना, जगह पर पहुंचना, सामान ऑरडर करना, किसी से बात करना, मैसेज पहुंचाना, एंटरटेनमेंट करना...वगैरा, वगैरा, वगैरा...। ये सब दिन भर में एक बार तो आपको करना ही पड़ता है। इन सबकी जरूरत बड़ों को ज्यादा होती है या यूं कहें कि बस वयस्कों को ज्यादा होती है, लेकिन घर में बड़ों की ये जरूरत बच्चों की आदत में तब्दील होती जा रही है। घर में मोबाइल होना जितना हमारी लाइफ को आसान बना रहा है उतना की खतरा बच्चों के जीवन के लिए बढ़ रहा है। केवल गेम खेलना या कोई भी एप यूज करना बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते है। लगातार बच्चे मोबाइल फोन पर लगे हुए देखे जा सकते हैं। माता-पिता भी इस लत से परेशान दिख हैं। इस लत का बच्चों की आंखों और दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है, लेकिन नतीजे इससे भी खराब हो सकते है। टचस्क्रीन जेनरेशन आने वाले समय में आपके बच्चों के लिए एक बड़ी समस्या बन कर उभर सकती है। 2 से 12 साल के बच्चों पर मोबाइल फोन या टचस्क्रीन अलग तरह से असर करता और 13 से 16 साल को बच्चों को अलग तरह से अपना शिकार बनाता है। 

Created On :   12 July 2018 6:43 AM GMT

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