पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के बाद पीएम मोदी ने की पूर्व पीएम पुष्प दहल से मुलाकात

पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के बाद पीएम मोदी ने की पूर्व पीएम पुष्प दहल से मुलाकात
हाईलाइट
  • दो दिनों की यात्रा पर नेपाल पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन किए।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चारधाम यात्रा के बाद थोरांगा पहाड़ी की तराई में मस्तांग जिले के मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन जरूरी माने जाते हैं।
  • नेपाल के साथ हाल के दिनों में भारत के साथ रिश्ते तल्ख हुए हैं
  • जबकि चीन से उसके रिश्ते लगातार बेहतर हुए हैं।
  • पीएम मोदी की चार साल में यह तीस

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। दो दिनों की यात्रा पर नेपाल पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन किए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चारधाम यात्रा के बाद थोरांगा पहाड़ी की तराई में मस्तांग जिले के मुक्तिनाथ मंदिर के दर्शन जरूरी माने जाते हैं। इसके बाद उन्होंने काठमांडू स्थित भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने के बाद नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प दहल प्रचंड से काठमांडू में मुलाकात की। इसके अलावा वह महांथा ठाकुर समेत राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल के सदस्यों से भी मिले।  

पीएम मोदी ने शुक्रवार को अयोध्या-जनकपुर के बीच चलने वाली जिस बस को हरी झंडी दिखाई थी, वह आज आयोध्या पहुंचने वाली है। अयोध्या में बस का स्वागत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। 

कूटनीतिक महत्व भी कम नहीं

पीएम मोदी की चार साल में यह तीसरी नेपाल यात्रा है। मुक्तिधाम यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी 11000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। मोदी की यात्रा के कूटनीतिक मायने भी हैं। नेपाल के साथ हाल के दिनों में भारत के साथ रिश्ते तल्ख हुए हैं, जबकि चीन से उसके रिश्ते लगातार बेहतर हुए हैं। दक्षिण एशिया क्षेत्र में भारत को घेरने के क्रम में भारत के सभी पड़ोसियों के साथ चीन जिस तरह संबंध प्रगाढ़ कर रहा है, उसे देखते हुए भारत की चिंता स्वाभाविक है। यही वजह है कि भारत ने हाल के दिनों में पड़ोंसियों से संबंध सुधारने की नई पहल की है। मोदी की वर्तमान नेपाल यात्रा को भी विशेषज्ञ इसी नजरिए से देख रहे हैं।  

भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थोरांग ला पहाड़ियों की तराई में स्थित मस्तांग जिले में मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद इस मंदिर के जीर्णोद्धार तथा विकास की घोषणा की। मुक्तिधाम के बाद भारतीय पीएम मोदी ने काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन किए। यहां काठमांडू महानगर निगम के महापौर बिद्या सुंदर शाक्य ने भारतीय पीएम के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया। 

मोदी ने कहा और गहरे होंगे सांस्कृतिक संबंध

इससे पहले शुक्रवार को पीएम मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा के पहले दिन जनकपुर स्थित माता जानकी के मंदिर में दर्शन के बाद कहा कि नेपाल और भारत के संबंध त्रेता युग से हैं। भारत के पड़ोसियों में नेपाल सबसे पहले है। नेपाल के साथ भारत के हजारों साल के सांस्कृतिक संबंध हैं। उन्होंने पावन नगरी जनकपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए के अनुदान की घोषणा की।

यहां बारहबीघा के मैदान में अपने सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में मोदी ने कहा, ‘जब भी कोई समस्या हुई, भारत और नेपाल एक साथ रहे। उन्होंने नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व आह्वान किया कि इस कठिन दौर में भी हमें साथ मिल कर चलना है।   उन्होंने कहा हम समृद्धि हासिल करने के लिए परंपरा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और परिवहन जैसे सभी क्षेत्रों में मिल कर काम करेंगे।

आयोध्या पहुंची बस

भारत और नेपाल की दोस्ती की जनकपुर से चली बस, शनिवार 12 मई को अयोध्या पहुंची। अलग-अलग मार्गों से होते हुए यह मैत्री बस आज सुबह अयोध्या पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या के रामकथा पार्क में जनकपुर- सीतामढ़ी-अयोध्या सीधी बस सेवा का स्वागत किया। स्वागत के लिए अयोध्या और जनकपुर की थीम पर झांकी सजाई गई थी। इससे पहले शुक्रवार देर रात बस गोरखपुर पहुंची थी, जहां यात्रियों का भव्य स्वागत हुआ। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश नेपाल की दो दिनी यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को जनकपुर में इस बस सेवा का शुभारंभ किया था।

सीएम योगी करेंगे "स्पेशल कवर" का अनावरण 

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अयोध्या भ्रमण के दौरान भारतीय डाक विभाग की ओर से प्रकाशित "स्पेशल कवर" का अनावरण भी किया। ये स्पेशल कवर पिछले साल दीपावली के मौके पर अयोध्या में सरयू तट पर आयोजित "दीपोत्सव" कार्यक्रम पर आधारित है। डाक विभाग का ये प्रकाशन अयोध्या की वैश्विक पहचान स्थापित कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना है।

रामायण सर्किट में 15 स्थल

इस बस सेवा को शुरू करने का उद्देश्य माता सीता के मायके से उनके ससुराल (अयोध्या) को जोड़ना है। जनकपुरधाम और अयोध्या रूट रामायण सर्किट का हिस्सा है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों- अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओडिशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है। इस बस सेवा के जरिए श्रद्धालु भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या धाम और माता जानकी की जन्मस्थली जनकपुर धाम के बीच की 520 किलोमीटर की दूरी को सरलता और सुविधापूर्ण ढंग से तय कर सकेंगे।

Created On :   12 May 2018 4:07 AM GMT

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