'शहंशाह-ए-गजल' की कब्र पर शराबियों का डेरा, भारत से मांगी मदद
टीम डिजिटल, इस्लामाबाद. 'शहंशाह-ए-गजल' महदी हसन की कब्र पर नशेड़ियों ने डेरा जमा लिया हैं. आसपास गटर का पानी भरा है और बच्चे यहां क्रिकेट खेलते हैं. दरअसल हसन के निधन के बाद सिंध सरकार और पाकिस्तान सरकार ने वादा किया था कि एक साल के अंदर मजार बनाएंगे, लेकिन अभी तक सिर्फ कब्र के पास बाउंड्री ही बन सकी है.
हसन के बेटों का कहना है कि उन्होंने पांच साल इंतजार किया और तमाम दफ्तरों की खाक छानी, लेकिन अब थक गए हैं. भारत सरकार से अपील करते हैं कि उनकी मजार बनाने में आर्थिक मदद करे, क्योंकि हसन साहब की पैदाइश भारत की है. उनके वहां बड़े मुरीद हैं. उन्होंने हारकर भारत सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है.
राजस्थान के लूना गांव की पैदाइश : 'शहंशाह-ए-गजल' मेहदी हसन का जन्म राजस्थान के झुंझनू जिले के लूना गांव 1927 में हुआ था, लेकिन पार्टिशन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान जा बसा था. वहीं लंबी बीमारी से जूझने के बाद कराची के आगा खान अस्पताल में उन्होंने 13 जून 2012 को अंतिम सांस ली.
पाक और भारत सरकार बनाएगी मजार : 'शहंशाह-ए-गजल' के इंतकाल के बाद पाकिस्तान में सिंध प्रांत की सरकार और पाकिस्तान सरकार ने उनकी याद में मजार और संग्रहालय बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया गया है.
Created On :   22 Jun 2017 11:07 AM GMT