कारगिल का युद्ध लड़ने वाले सैनिक को बताया विदेशी, भेजा डिटेंशन कैंप

Mohammed Sanaullah was considered as foreign and taken to police custody
कारगिल का युद्ध लड़ने वाले सैनिक को बताया विदेशी, भेजा डिटेंशन कैंप
कारगिल का युद्ध लड़ने वाले सैनिक को बताया विदेशी, भेजा डिटेंशन कैंप

डिजिटल डेस्क, दिसपुर। भारतीय सेना में रहकर 32 साल तक देश की सेवा करने वाले मोहम्मद सनाउल्लाह को "विदेशी" करार देकर पुलिस कस्टडी ले लिया गया है। सनाउल्लाह को डिटेंशन कैंप भेज दिया गया है। दरअसल राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन) NRC के चलते असम में ये चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सनाउल्ल्लाह सेना में कैप्टन के पद से रिटायर हुए थे। दो दशक पहले उन्होंने कारगिल युद्ध भी लड़ा था। फिलहाल 52 वर्षीय मोहम्मद सनाउल्लाह सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया है।

 

बता दें कि देश में असम अकेला ऐसा राज्य है, जहां सिटिजनशिप रजिस्टर की व्यवस्था है। ये कानून देश में लागू नागरिकता कानून से अलग है।गौरतलब है कि असम समझौता साल 1985 से ही लागू है और इस समझौते के तहत 24 मार्च 1971 की आधी रात तक असम में दाखिल होने वाले लोगों को ही भारतीय माना जाएगा। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के मुताबिक, जिस व्यक्ति का सिटिजनशिप रजिस्टर में नहीं होती है, उसे अवैध नागरिक माना जाता है। इसे 1951 की जनगणना के बाद तैयार किया गया था. इसमें यहां के हर गांव के हर घर में रहने वाले लोगों के नाम और संख्या दर्ज की गई है।

Created On :   29 May 2019 10:45 AM GMT

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