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सत्र समाप्त होने को और स्कूल यूनीफार्म से अभी भी वंचित हैं 22 हजार से अधिक छात्र
डिजिटल डेस्क,सीधी। जिले में 22 हजार से अधिक ऐसे छात्र छात्रायें हैं जिन्हें शिक्षा सत्र के समाप्ति के दौर में भी अब तक गणवेश नहीं मिल सका है। लक्ष्य की पूर्ति न होने से स्कूली छात्र गणवेश के लाभ से वंचित हो रहे हैं। जबकि शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद निर्धारित अवधि के अंदर छात्रों को गणवेश उपलब्ध कराने का दिशा निर्देश जारी किया गया था। जिले के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को गणवेश वितरण का लक्ष्य अभी तक प्राप्त नहीं किया जा सका है। लक्ष्य के विपरीत अब तक 22 हजार 118 छात्रों को गणवेश नही मिला है।
गणवेश न मिलने से छात्र छात्राओं को पुराने गणवेश या दूसरे कपड़ों को पहनकर स्कूल जाना पड़ रहा है। जबकि दो माह बाद शिक्षा सत्र भी समाप्त हो जायेगा। स्कूली बच्चों को गणवेश उपलब्ध न करा पाने का कारण स्व सहायता समूहों की शिथिलता मानी जा रही है। जिसके चलते अभी तक आधा सैकड़ा से ज्यादा विद्यालयों के विद्यार्थियों को गणवेश नही मिल सके हैं। गौरतलब है कि जिले के पांच विकासखण्डों में संचालित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययन करने वाले 1 लाख 45 हजार 863 बालक बालिकाओं को कुल 2 लाख 91 हजार 726 गणवेश बाटे जाने थे। किंतु लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 2 लाख 47 हजार 490 गणवेश वितरण किये गये हैं जबकि 44 हजार 236 गणवेशों का वितरण किया जाना अभी बाकी है। विभाग की मानें तो 60 हजार 864 बालक तथा 62 हजार 881 बालिकाओं को गणवेश के वितरण किये गये हेंै। वहीं 12 हजार 1 बालक तथा 10 हजार 117 बालिकाओं को गणवेश वितरण किये जाने शेष हैं।
पिछले सत्र में भी देरी से किया गया था वितरण
शासकीय स्कूलों में प्रवेशोत्सव 15 जून को मनाया जाता है। इसी दिन छात्र.छात्राओं को स्कूलों में ड्रेस का वितरण भी किया जाता है। लेकिन अब तक यहां छात्र-छात्राओं को ड्रेस का वितरण नहीं किया गया है। क्यों कि तब राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा ड्रेस की राशि को दो माह बाद जारी किया था। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल वार सूची भी समय पर तैयार नहीं की जा सकी थी। जिसके चलते बच्चों को समय पर गणवेश उपलब्ध न होना बताया जा रहा है। हालांकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली स्कूली ड्रेस के वितरण में देरी की बात कोई नहीं है। पिछले शिक्षण सत्र में भी बच्चों को देरी से ही गणवेश मिल सका था। अब इस बार भी आधे से ज्यादा सत्र बीत जाने के बाद ज्यादातर बच्चों को ड्रेस नसीब नहीं हो सकी है।
स्वसहायता समूहों केा मिली है जिम्मेदारी
जिले में गणवेश निर्मित करने के लिये आजीविका मिशन के द्वारा महिला स्वसहायता समूहों केा काम देकर उन्हें सशक्त बनाने की दृष्टि से यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिन्हें प्रति विद्यालय में प्राप्त संख्या के लक्ष्य को प्राप्त करने पर गणवेश सिलाई के लिये 75 रूपये प्रति गणवेश दिया जाना है तथा स्व सहायता समूह केा प्रति गणवेश पर 10 रूपये का लाभ भी दिया जायेगा। जिससे कई स्वसहायता समूहों केा 35 हजार रूपये तक लाभ मिलने की जानकारी मिली है। गणवेश उपलब्ध कराने में तीन जनपद अंतर्गत संचालित समूह पीछे हैं।
Created On :   8 Feb 2019 8:58 AM GMT