चुनावी ड्यूटी में लगे 23 हजार से अधिक कर्मचारी नहीं कर सके मतदान

More than 23000 employees in electoral duty can not cast vote
चुनावी ड्यूटी में लगे 23 हजार से अधिक कर्मचारी नहीं कर सके मतदान
चुनावी ड्यूटी में लगे 23 हजार से अधिक कर्मचारी नहीं कर सके मतदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जन-जन से वोटिंग के लिए प्रचार-प्रसार करने वाला प्रशासन अपने कर्मचारियों से ही वोटिंग करवाने में पिछड़ गया है। प्रशासकीय नियोजन की कमी के चलते हजारों कर्मचारी जो चुनावी ड्यूटी में थे वे मतदान नहीं कर सके। वैसे तो चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी पोस्टल बैलेट से मतदान करते हैं और पोस्टल बैलेट जिला प्रशासन की तरफ से कर्मचारियओं  को उपलब्ध कराए जाते हैं। जिला प्रशासन ने चुनाव ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट भेजने का दावा किया है, जबकि हजारों कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट मिले ही नहीं। फिलहाल वोट से वंचित कर्मचारी वोट डालने के लिए जिलाधीश कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इन्हें उचित प्रतिसाद नहीं मिल रहा। नागपुर में पोस्टल बैलेट का मामला पिछले कुछ दिनों से विवाद का मुद्दा बन गया है। कर्मचारी संगठनों ने भी जिलाधीश से मिलकर कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।

23 हजार से ज्यादा कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगे
लोकसभा चुनाव में पहली बार वीवीपैट का उपयोग किया गया और वीवीपैट के कारण चुनाव में लगनेवाले कर्मचारियों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ। नागपुर जिले के नागपुर व रामटेक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 23 हजार से ज्यादा कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगे। जिलाधीश अश्विन मुद्गल ने चुनाव ड्यूटी में तैनात सभी कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट उपलब्ध कराने का दावा किया था। कर्मचारी 23 मई तक पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं। इधर पोस्टल बैलेट उपलब्ध नहीं होने से मतदान नहीं कर सकने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। कर्मचारी जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर बैरंग लौट रहे हैं। 

नाराज हैं कर्मचारी
नागपुर जिला  इंटक काउंसिल के महासचिव राजेश निंबालकर इस मुद्दे पर जिला प्रशासन की कार्रवाई से बेहद नाराज हैं।  कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट नहीं मिलने पर वे जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिले, लेकिन उचित प्रतिसाद नहीं मिलने का आरोप लगाया। इस बीच मनपा कर्मचारी रितेश काशीकर सोमवार को जिलाधीश कार्यालय पहुंचे आैर पोस्टल बैलेट नहीं मिलने की शिकायत की। इनके साथ मनपा कर्मी शेखर उमाठे, गौतम मेश्राम, अरुण मेहुलिया, शशि आदमने भी थे। सभी ने वोट का इस्तेमाल करने की इच्छा जताई। इन्हें इधर से उधर भेजा गया। बाद में अतिरिक्त जिलाधीश श्रीकांत फडके से मिलकर अपनी समस्या बताई। 

वोट देना हमारा अधिकार 
हमारी ड्यूटी रामटेक लोकसभा क्षेत्र में थी। हमेे पोस्टल बैलेट नहीं मिले। हम नागपुर लाेकसभा क्षेत्र के मतदाता हैं। उपजिला निर्वाचन कार्यालय से उचित प्रतिसाद नहीं मिला। हमारे घर तक बैैलेट नहीं पहुंचे, जबकि प्रशासन बैलेट भेजने की बात कर रहा है। मेरे साथियों को भी बैलेट नहीं मिले। वोट देना हमारा अधिकार है। मेरे जैसे हजारों कर्मचारी वोट से वंचित रह सकते हैं। 
-रितेश काशीकर, मनपा कर्मी

जिला प्रशासन गंभीर नहीं 
हजारों कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट नहीं मिले। उपजिला निर्वाचन अधिकारी राजलक्ष्मी शाह से मिला और यह बात बताई। प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिला। हमने कर्मचारियों के घर तक बैलेट पहुंचाने की जिम्मेदारी लेने की इच्छा जताई। कितने पोस्टल बैलेट कर्मचारियों तक नहीं पहुंचे, इसका जवाब भी राजलक्ष्मी शाह से नहीं मिला। प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। 
-राजेश निंबालकर, इंटक नेता 

नहीं उठाया फोन 
उपजिला निर्वाचन अधिकारी राजलक्ष्मी शाह ने फोन नहीं उठाया। पोस्टल बैलेट नहीं मिलने के सबसे ज्यादा मामले नागपुर लोकसभा क्षेत्र के हैं। मोबाइल पर मैसेज भेजा, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला। 

पोस्ट ऑफिस में चेक करें
कुछ कर्मचारी मुझसे मिले। ये नागपुर के वोटर हैं। पोस्टल बैलेट घर नहीं पहुंचे, तो इस बारे में पोस्ट ऑफिस या उपजिला निर्वाचन कार्यालय में पड़ताल करनी चाहिए। शहर के संबंधित रिटर्निंग अफसर या तहसील कार्यालय रामटेक से संपर्क करने को कहा गया है। कर्मचारियों के पते पर बैलेट भेजे गए थे। 
-श्रीकांत फडके, अतिरिक्त जिलाधीश नागपुर.

Created On :   30 April 2019 7:58 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story