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महाराष्ट्र में नागनदी सहित 45 से अधिक नदियां सबसे अधिक प्रदूषित
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में प्रदूषित नदियों के स्ट्रेच महाराष्ट्र में सबसे अधिक हैं। हाल ही में एनजीटी ने राज्यों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम-2016 से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए चलाई जा रही योजनाओं की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की। राज्य में नागपुर की नाग नदी समेत तकरीबन 45 से अधिक नदियां बुरी तरह प्रदूषित हैं। इसके साथ ही राज्य में नदियों के प्रदूषित स्ट्रेच के किनारे स्थित शहरों की संख्या भी सबसे अधिक है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश में नदियों के अत्यधिक प्रदूषित स्ट्रेच के किनारे बसे महानगरों और शहरों की संख्या 650 है। इनमें 161 यानी 25 प्रतिशत महाराष्ट्र में हैं। इनमें नागपुर भी शामिल है।
राज्य में दस सबसे प्रदूषित शहर
राज्य प्रदूषण बोर्ड के अनुसार, राज्य में दस सबसे ज्यादा प्रदूषित नदी स्ट्रेच के किनारे बसे शहरों में मुंबई, पुणे, ठाणे, नादेड़, अकोला, नागपुर, सांगली, अमरावती, कल्याण और पनवेल हैं।
नागपुर की नदियों का हाल
नागपुर की नाग व पीली नदी में प्रति दिन 430 मिलियन लीटर सीवेज मिलता है। दोनों नदियों पर अब तक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की संख्या पांच है। इनमें से नाग नदी पर तीन और पीली नदी पर दो एसटीपी बनाए गए हैं। शहर में कुल 107 प्रदूषित धाराएं (छोटी नदियां) नाग और पीली नदी में मिलती हैं। नाग नदी के किनारे 31 सेटलमेंट की पहचान की गई है, जो नदी को प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं। यहां ठोस कचरा नदी में डाला जा रहा है। इसके साथ सीवेज, वेस्ट वाटर भी बगैर उपचार के दोनों नदियों में मिल रहा है। नाग व पीली नदी को प्रदूषणमुक्त करने के इस इस वर्ष शुरू हो रही योजनाओं से वर्ष 2023 तक पूरी तरह निर्मल करने का लक्ष्य है।
योजनाओं की धीमी गति चिंतनीय
राज्य में नदियों को प्रदूषण मुक्त किए जाने की योजनाओं की धीमी प्रगति पर सुप्रीम कोर्ट भी नाराजगी जता चुका है। 23 अप्रैल को स्वयंसेवी संस्था वंशशक्ति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट राज्य के महानगर पालिकाओं व सरकारी अधिकारियों को योजनाओं के धीमी प्रगति पर फटकार लगा चुकी है।
नीरी को कार्यों के निरीक्षण का निर्देश
शीर्ष कोर्ट ने नेशनल एनवॉयरमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट नीरी काे नदियों के प्रदूषण की रोकथाम के लिए जारी कार्यों के निरीक्षण और वास्तविक स्थिति की जांच का भी निर्देश दिया।
राज्य में प्रदूषित नदी स्ट्रेच हुए 53
नदियों के मूल्यांकन के आधार पर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से गत वर्ष सितंबर में पेश रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्षों में प्रदूषित नदियों के स्ट्रेच की संख्या घटने के बजाय बढ़ गई है। इस मूल्यांकन के अनुसार, देश में प्रदूषित नदियों के स्ट्रेच की संख्या 302 से बढ़कर 351 हो गई है। इनमें 53 महाराष्ट्र में हैं।
Created On :   27 April 2019 10:38 AM GMT