अचल संपत्तियों की मार्केट वैल्यू को लेकर बने नए नियम, जानें अब क्या हैं प्रावधान?

MP Government has made new rules for determining the market value of fixed assets
अचल संपत्तियों की मार्केट वैल्यू को लेकर बने नए नियम, जानें अब क्या हैं प्रावधान?
अचल संपत्तियों की मार्केट वैल्यू को लेकर बने नए नियम, जानें अब क्या हैं प्रावधान?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने अचल सम्पत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण जिसके आधार पर कलेक्टर गाइडलाइन बनती है, उसके नए नियम बना दिये गए हैं। इससे पहले बाजार मूल्य निर्धारण का प्रावधान खत्म हो गया था जिसके कारण वर्ष 2018-19 की गाइडलाइन नहीं बनी। परन्तु अब नए सिरे से बाजार मूल्य निर्धारण नियम बनाने से वर्ष 2019-2020 के लिये गाइडलाइन बन सकेंगी।

नए नियमों को वाणिज्यिक कर विभाग ने मप्र बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिध्दान्तों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम 2018 नाम दिया है। इसके तहत अब संभागायुक्त बाजार मूल्य निर्धारण सिध्दांतों को अंतिम रुप नहीं देंगे बल्कि उनके स्थान पर महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक अंतिम रुप देंगे। नए नियमों के तहत केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड होगा जिसके अध्यक्ष महानिरीक्षक पंजीयन होंगे। इसके अलावा हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति होगी जिसमें  जिला प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र से एक विधायक सदस्य होगा। इसी प्रकार उप जिला मूल्यांकन समिति भी होगी जिसमें अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अध्यक्ष होंगे।

यह भी किया नया प्रावधान :

राज्य सरकार ने मप्र लिखतों का बाजार मूल्य अवधारण एवं अनड्यूली मुद्रांकित लिखतों का निराकरण नियम 2018 भी नए सिरे से बनाये हैं। इसके तहत यदि केंद्र या राज्य सरकार या उसके उपक्रम या नगर पालिका निकाय द्वारा किसी भूमि के पट्टे का निष्पादन किया जाता है तो उसका बाजार मूल्य एवं प्रीमीयम वही होगा जो पट्टे पर उनके द्वारा लिखा गया है।

इसी प्रकार, मप्र स्टाम्प नियम 1942 में नया प्रावधान किया गया है कि यदि कोई भी अनड्यूली स्टाम्प लिखत रजिस्ट्रेशन के लिये रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाती है तो वह उसे दर्ज कर उस लिखत को कलेक्टर आफ स्टाम्प यानि जिला रजिस्ट्रार को भेजेगा तथा जिला रजिस्ट्रार इस लिखत पर शुल्क तथा शास्ति के भुगतान के संबंध में जांच करेगा तथा भुगतान के प्रमाणीकरण के पश्चात उस लिखत का रजिस्ट्रेशन किया जायेगा।

एक नया प्रावधान यह भी किया गया है कि कलेक्टर आफ स्टाम्प द्वारा पारित आदेशों पर उप महानिरीक्षक पंजीयन के यहां अपील हो सकेगी तथा इसके लिये उपमहानिरीक्षक पंजीयन प्रथम अपील प्राधिकारी कहलाएंगे।


इनका कहना है :

‘‘बाजार मूल्य निर्धारण का प्रावधान खत्म होने से इस साल नई गाइडलाइन नहीं बन पाई थी। लेकिन अब नए सिरे से नियम जारी कर बाजार मूल्य निर्धारण का प्रावधान कर दिया गया है जिसमें तीन स्तर पर कमेटियां होंगी जो अगले साल के लिये अचल सम्पत्तियों के बाजार मूल्य निर्धारण का काम करेंगी।’’

- एसडी रिछारिया उप सचिव वाणिज्यिक कर विभाग

Created On :   13 April 2018 4:44 AM GMT

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