सरकारी अस्पतालों को बाहर से दवा खरीदने का रास्ता बंद, दवाइयों की आपूर्ति करेगी हाफकीन

MP Government hospitals shut the way to buy medicine from outside
सरकारी अस्पतालों को बाहर से दवा खरीदने का रास्ता बंद, दवाइयों की आपूर्ति करेगी हाफकीन
सरकारी अस्पतालों को बाहर से दवा खरीदने का रास्ता बंद, दवाइयों की आपूर्ति करेगी हाफकीन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों को हाफकीन से औषधि खरीदना अनिवार्य कर दिया है। सरकार के फरमान से बाहर से औषधि खरीदने का रास्ता बंद हो गया।  बता दें जिला परिषद के ग्रामीण क्षेत्र में 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 316 उपकेंद्र हैं। मौसम बदलने से शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सर्दी, खांसी, बुखार, सिर और बदन दर्द के साथ ही संक्रामक बीमारियों के पैर फैलाने से अस्पताल मरीजों से खचाखच भरे रहे। हाफकीन से औषधि खरीदी अनिवार्य किए जाने से अस्पतालों में दवाइयों की किल्लत है। बाहर से औषधि खरीदी पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है। जिप के स्वास्थ्य विभाग ने 124 प्रकार की दवाइयों की आपूर्ति के लिए हाफकीन को 2 करोड़, 57 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। फरवरी माह में भुगतान करने के बावजूद हाफकीन से औषधि की आपूर्ति नहीं की गई।

जांच के बाद ही होगा उपयोग
अस्पतालों में औषधि की किल्लत है। अस्पतालों में साधी सर्दी, खांसी, बुखार की भी औषधि नहीं रहने से ग्रामीण क्षेत्र में मरीजों के हाल बेहाल हैं। शहरों के सरकारी अस्पतालों में भी यही स्थिति बनी हुई है। 8 महीने के लंबे इंतजार के बाद जिप स्वास्थ्य विभाग को 22 प्रकार की औषधि प्राप्त हुई हैं। इसमें 5 प्रकार की गोलियां, 6 प्रकार के इंजेक्शन, 4 प्रकार के सायरप और 7 प्रकार के मलहम प्राप्त होने की जानकारी मिली है। 

क्या है हाफकीन
हाफकीन एक दवा आपूर्ति एजेंसी है। राज्य सरकार ने इसके साथ सभी सरकारी अस्पतालों को दवा आपूर्ति का करार किया है। अस्पतालों को दवा खरीदी के अधिकार रहने से एक समान दवा की अलग-अलग दामों में खरीदी होती थी। इसे रोकने के लिए राज्य सरकार ने संपूर्ण राज्य के लिए एक एजेंसी के साथ करार किया है।

15 दिन से सिलसिला शुरू
8 महीने पहले भुगतान लेकर हाफकीन ने विविध औषधि उत्पादक कंपनियों से खरीदी कर आपूर्ति शुरू कर दी है। जिप के स्वास्थ्य विभाग को दवा आपूर्ति का सिलसिला 15 दिन से शुरू है। अलग-अलग कंपनियों की 22 प्रकार की दवाइयां मिल चुकी हैं। 

सैम्पल रिपोर्ट के बाद उपयोग
दवाइयों की सैम्पल रिपोर्ट अभी आनी है। स्वास्थ्य सेवा संचालनालय मुंबई से दवाइयों के सैम्पल टेस्टिंग के लिए लैब भेजे गए हैं। एक दवा का सैम्पल 3 लैब में भेजा जाता है। तीनों सैम्पल की रिपोर्ट अपेक्षाओं पर खरी उतरने के बाद दवाइयों का उपयोग करने के आदेश दिए जाते हैं। जब तक सैम्पल रिपोर्ट नहीं मिलती, तब तक उपयोग नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट का 15 दिन इंतजार करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य समिति ने दिए थे  10 हजार
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में औषधि की किल्लत से मरीज बेहाल हो रहे थे। इसे देखते हुए जिप उपाध्यक्ष ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 हजार 200 रुपए औषधि खरीदी के लिए मंजूर कराए थे। इसमें से खरीदी गई औषधि भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई।

Created On :   16 Nov 2018 8:02 AM GMT

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