स्मार्ट बनेंगे विलेज, कुपोषण मिटाएगी पोषण वाटिका

MP Government starts smart villages in Chhindwara for defeat malnutrition
स्मार्ट बनेंगे विलेज, कुपोषण मिटाएगी पोषण वाटिका
स्मार्ट बनेंगे विलेज, कुपोषण मिटाएगी पोषण वाटिका

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। कुपोषण मिटाने के लिए कारगर साबित नहीं हो रही पोषण आहार व्यवस्था का अल्टरनेट शासन ने ढूंढना शुरु कर दिया है। नई व्यवस्था के तहत अब विकासखंडों में स्मार्ट विलेज बनाए जाएंगे। यहां पोषण वाटिका होगी, जहां कुपोषण को मिटाने के लिए पोष्टिक खाद्यान्न की बोवनी होगी। प्रयोग के तौर पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने 11 गांवों का चयन किया है। यदि इन गांवों में प्रयोग सफल होता है तो सभी गांवों में ये प्रयोग किया जाएगा।

इस योजना के तहत कुपोषित बच्चों को मौसमी फल, सब्जी, ताजी सब्जी के साथ-साथ विटामिन वाले पोषण आहार खिलाया जाएगा। ताकि बच्चे इन पोष्टिक पदार्थों को खाकर कुपोषण से मुक्त हो सके। इस नई व्यवस्था के तहत ग्रामीणों को बताया जाएगा कि वे अपने घर के पीछे ही इन सब्जियों की बोवनी करके बच्चों को कुपोषण से मुक्त करें। आला अधिकारियों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों और पोषण आहार एक्सपर्ट की निगरानी में ये कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों में संचालित होगा। 

10 विभाग मिलकर करेंगे काम 
10 विभाग मिलकर इस स्कीम पर काम करेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ  स्वास्थ्य, कृषि, वेटनरी, हार्टीकल्चर, फॉरेस्ट सहित जिले के कृषि अनुसंधान केंद्र की टीम भी इस नए प्रयोग में शामिल होगी। 

ऐसे काम करेगी टीम
पोषण आहार विलेज की अवधारणा के तहत पहले जांच की जाएगी कि गांव के अंतर्गत कितने बच्चे कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की श्रेणी में आते हैं। फिर गांव में कुपोषण की मुख्य वजह की जांच होगी। जांच टीम जिंक, आयरन, प्रोटीन सहित अन्य विटामिनों की जांच करेगी। इसके अनुसार ही गांव में पोषण वाटिका लगाई जाएगी। 

इन गांवों का हुआ चयन 
स्मार्ट विलेज स्कीम के शुरुआती दौर में महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने 11 गांवों का चयन किया है। इन गांवों में छिंदवाड़ा का माल्हनवाड़ा, अमरवाड़ा का हिवरा, चौरई का उदादौन, सौंसर का घूमा, पांढुर्ना का हिवरा सेढानवाद, जुन्नारदेव का पालाचौरई, तामिया का देलाखारी, मोहखेड़ का बदनूर, परासिया का डोंगर खापामाल, हर्रई का बारगी, बिछुआ का गोनी गांव चिन्हित किया गया है। 

30 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित 
जिले में तीस हजार से ज्यादा बच्चे हर माह होने वाली ग्रेडिंग में कुपोषित पाए जाते हैं। इनमें तकरीबन 28 हजार कुपोषित और 3 हजार से ज्यादा बच्चे अतिकुपोषित होते हैं। जिले में सबसे ज्यादा कुपोषण हर्रई, बिछुआ, तामिया सहित जुन्नारदेव विकासखंड में हैं। 

Created On :   6 Aug 2017 6:25 PM GMT

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