स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को अब 50 लाख रुपये देगी MP सरकार

mp Government will now give 50 lakh rupees to self-help groups
स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को अब 50 लाख रुपये देगी MP सरकार
स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को अब 50 लाख रुपये देगी MP सरकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में अब स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन को राज्य सरकार 50 लाख रुपये की राशि देगी। इस राशि को फेडरेशन बैंक में एफडी तौर पर रखेगा। ताकि बैंक से लोन लेने में आसानी हो सके। दरअसल राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को सहायता प्रदान करने के लिये वर्ष 2007 में स्व-सहायता संवर्धन नीति बनाकर लागू की थी। इसमें स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन बनाये जाने पर उन्हें 25 लाख रुपये सरकार की ओर से दिये जाने का प्रावधान किया गया था। इस नीति के बाद वर्ष 2012 तक कुल 20 फेडरेशन को राज्य सरकार ने उक्त नीति के अनुसार 25 लाख रुपये दिए थे। 

 

 

Related image

 

यह सहायता तब मिलती है जब फेडरेशन अपने कामकाज को चलाने के लिये पहले बिजनेस प्लान बनाए। उसके लिये अपने बैंक से इस प्लान को लोन के लिए मंजूर किया जाता है। बिजनेस प्लान मंजूर होने के बाद राज्य सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है और तब यह राशि मिलती है।यह राशि संबंधित बैंक में एफडी के रुप में रखना होती है। इसी एफडी के बदले बैंक द्वारा फेडरेशन को लोन दिया जाता है। फेडरेशन को बैंक में जमा की जाने वाली मार्जिन मनी का 5 प्रतिशत स्वयं जमा करना होता है।

 

 

Image result for मध्यप्रदेश स्व सहायता समूह

 

राज्य सरकार के समक्ष वर्ष 2012 के बाद अब तक स्व-सहायता समूहों ने फेडरेशन बनाकर 25 लाख रुपये लेने के लिये चार आवेदन आये हैं।  चूंकि इन फेडरेशनों ने अपने बैंक से बिजनेस प्लान मंजूर नहीं कराया था। इसलिए उन्हें 25 लाख रुपये की राशि नहीं मिल पाई है। अब राज्य सरकार ने स्व-सहायता समूहों को फेडरेशन के माध्यम से कार्य करने के लिये प्रोत्साहित किया है। जिसके तहत वर्ष 2007 की नीति में संशोधन कर 25 लाख रुपये के स्थान पर 50 लाख रुपये राशि देने का प्रावधान कर दिया है। प्रदेश में इस समय करीब 2 लाख 19 हजार स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। स्व- सहायता समूह फेडरेशन को लेकर राज्य आजीविका मिशन के सीईओ एलएम बेलनाव का कहना है कि स्व-सहायता बनाकर आगे आएं। इसके लिये वर्ष 2007 की नीति में संशोधन कर 25 लाख रुपये के स्थान पर 50 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मतबूत करने के लिये किया गया है।

 

 

Related image

Created On :   4 July 2018 5:10 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story