देश में सिर्फ 26 फीसदी महिला करती हैं 'सेनेटरी नैपकिन यूज़'

mp is worst state to aware about periods problem
देश में सिर्फ 26 फीसदी महिला करती हैं 'सेनेटरी नैपकिन यूज़'
देश में सिर्फ 26 फीसदी महिला करती हैं 'सेनेटरी नैपकिन यूज़'

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश की महिलाएं पीरियड्स के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखने में गंभीर नहीं हैं. इस दौरान हाईजीनिक प्रोटेक्शन के मामले में देश की 56 फीसदी लड़कियां सेनेटरी नैपकिन प्रयोग करती हैं, जबकि गांवों में महज 26 प्रतिशत महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं.

सर्वे के मुताबिक भारत के 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में केवल 90 प्रतिशत लड़कियां ही पीरियड्स के दौरान हाईजीनिक प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करती हैं. इसमें 15 से 24 वर्ष की लड़कियां शामिल हैं.

भारत में इस सम्बन्ध में लड़कियों को कोई जानकारी नहीं है. सर्वे में केवल 55 प्रतिशत लड़कियों ने इसे नेचुरल और फिजिकल प्रोसेस माना है. वहीं 48 प्रतिशत लड़कियों ने माना कि उन्हें यौवनावस्था में कदम रखने से पहले ही इस बारे में पता था, जबकि 23 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि पीरियड्स के दौरान यूट्रस से ब्लड आता है.

सर्वे में 54 प्रतिशत लड़कियों ने कहा कि उन्हें इस सम्बन्ध में अपनी मां से पता लगा, जबकि टीचर्स और हेल्थ वर्कर्स से इस सम्बन्ध में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली. इसके मुताबिक 89 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, जबकि 2 प्रतिशत महिलाएं कॉटन वूल,  7 प्रतिशत सेनेटरी पैड औरब 2 प्रतिशत राख का इस्तेमाल करती हैं.

सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने वाली लड़कियों में से केवल 60 प्रतिशत महिलाएं ही पैड को दिन में बदलती हैं. इसमें से 14 प्रतिशत महिलाएं सैनेटरी पैड ना बदलने से इन्फेशन का शिकार हो जाती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि आज भी भारत के कई क्षेत्रों में सैनेटरी पैड को खरीदना हर महिला के लिए संभव नहीं है. इसकी वजह सैनेटरी पैड का महंगा होना है.

Created On :   19 Jun 2017 2:17 PM GMT

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