मध्यप्रदेश : प्रदूषण बोर्ड ने उद्योग-खदान सम्मति शुल्क में किया बदलाव

MP Pollution Board has made changes in the Industry-Mine Consent Charge
मध्यप्रदेश : प्रदूषण बोर्ड ने उद्योग-खदान सम्मति शुल्क में किया बदलाव
मध्यप्रदेश : प्रदूषण बोर्ड ने उद्योग-खदान सम्मति शुल्क में किया बदलाव
हाईलाइट
  • अब इन रंगों की कैटेगरी को समाप्त कर सभी तरह के उद्योगों के लिये सम्मति शुल्क एक समान कर दिया गया है।
  • पहले 7 अक्टूबर 2009 से लाल
  • नारंगी और हरे उद्योगों के लिये उनकी लागत के हिसाब से अलग-अलग सम्मति शुल्क निर्धारित था।
  • मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण सम्मति नियम 1975 में संशोधन कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, संजय प्रकाश शर्मा, भोपाल । मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण सम्मति नियम 1975 में संशोधन कर उद्योगों आदि इकाईयों से लिये जाने वाले वार्षिक सम्मति यानि प्रशासकीय शुल्क में बदलाव कर दिया है। पहले 7 अक्टूबर 2009 से लाल, नारंगी और हरे उद्योगों के लिये उनकी लागत के हिसाब से अलग-अलग सम्मति शुल्क निर्धारित था लेकिन अब इन रंगों की कैटेगरी को समाप्त कर सभी तरह के उद्योगों के लिये सम्मति शुल्क एक समान कर दिया गया है। 


इनवेस्टमेंट के हिसाब से लगेगा शुल्क

अब 50 करोड़ रुपये या इससे अधिक के इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से सम्मति शुल्क कुल लागत का 0.02 प्रतिशत एवं नवीनीकरण हेतु कुल लागत का 0.01 प्रतिशत सम्मति शुल्क लिया जायेगा। दस करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक के इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 90 हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 30 हजार रुपये, 3 करोड़ से 10 करोड़ रुपये इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 60 हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 22 हजार 500 रुपये, 50 लाख से 3 करोड़ रुपये इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 15 हजार रुपये एवं नवीनीकरण शुल्क 5 हजार 250 रुपये तथा 50 लाख रुपये से कम इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से डेढ़ हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 750 रुपये सम्मति शुल्क लिया जायेगा।


 

 

जनसुनवाई शुल्क में इजाफा 

बोर्ड ने जनसुनवाई शुल्क बढ़ा दिया है, अब 50 करोड़ रुपये से कम इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 25 हजार रुपये के स्थान पर एक लाख रुपये एवं 50 करोड़ रुपये से अधिक इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 50 हजार रुपये के स्थान पर 5 लाख रुपये जनसुनवाई शुल्क लिया जाएगा।


 

 

खदानों का सम्मति शुल्क हुआ एकजाई 

पहले खदानों के लिये सम्मति शुल्क 5 हेक्टेयर तक 2 हजार रुपये, 5 हेक्टेयर से 25 हेक्टेयर तक दस हजार रुपये, 25 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर तक 15 हजार रुपये, 50 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर तक 40 हजार रुपये, 100 हेक्टेयर से 500 हेक्टेयर तक 80 हजार रुपये, 500 हेक्टेयर से एक हजार हेक्टेयर तक डेढ़ लाख रुपये तथा एक हजार हेक्टेयर से अधिक हेतु 2 लाख रुपये सम्मति शुल्क था, जिसे अब  खत्म कर एकजाई कर दिया गया है यानि अब खदानों से उत्पादन सम्मति/वार्षिक सम्मति नवीनीकरण शुल्क 5 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर लगेगा।


 

अन्य शुल्क भी बदले 

 

प्रदूषण बोर्ड ने उद्योगों / संस्थानों / इकाईयों से छह प्रावधानों यथा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, बैट्री प्रबंधन एवं हैंडलिंग नियम 2001, परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट प्रबंधन और सीमापार संचलन नियम 2016, अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 और ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत लिये जाने वाले पंजीयन / अनुमति / प्राधिकार हेतु प्रशासकीय शुल्क में भी बदलाव कर दिया है। जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के तहत क्लीनिक, पैथेलाजी लैब, ब्लड बैंक एवं अन्य नान बेडेड हॉस्पिटल को 5 हजार रुपये शुल्क आजीवन हेतु लगेगा। चार बेड वाले हॉस्पिटल से हर साल 2 हजार रुपये लिए जाएंगे, जबकि चार बेड से अधिक बेड वाले हॉस्पिटल से 200 रुपये प्रति बेड प्रति वर्ष लिए जाएंगे। जीव चिकित्सा अपशिष्ट अपवहन संस्थान से 25 हजार रुपये प्रति वर्ष तथा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन में संलग्न परिवहनकर्ता संस्थान से 10 हजार रुपये प्रति वर्ष लिए जाएंगे।

इनका कहना है 

 

मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एए मिश्रा ने कहा है कि प्रदूषण बोर्ड ने सम्मति शुल्क में युक्तियुक्तकरण किया है तथा जनसुनवाई जैसे शुल्कों को समय के हिसाब से बढ़ाया है।

Created On :   3 July 2018 5:34 AM GMT

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