श्री श्री रविशंकर का बयान- सरकार ने GST की खामियों को सुधारा

श्री श्री रविशंकर का बयान- सरकार ने GST की खामियों को सुधारा
श्री श्री रविशंकर का बयान- सरकार ने GST की खामियों को सुधारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वस्तु एवं सेवा कर (GST) फ्लॉप रहा, क्योंकि एसी दफ्तरों में बैठने वाले ब्यूरोक्रेट्स को वास्तविकता की जानकारी नहीं होती है और पॉलिसी उनके द्वारा ही तैयार की जाती है। यह पॉलिसी आगे चलकर काफी फायदेमंद साबित होगा। कई सारे टैक्स को हटा कर एकल कर दिया गया है। यह बात आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सीताबर्डी स्थित ग्लोकल चौक में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि इस विषय को जहां पहुंचाना चाहिए था, मेरे द्वारा पहुंचाया गया और यही वजह है कि सरकार को ध्यान में आया कि उसमें खामियां हैं और उन्होंने सुधार किए। ऐसा कम देखने को मिलता है कि इतने कम समय में सरकार अपनी पॉलिसी में इतनी जल्दी सुधार करती है। उन्होंने कहा इतिहास में हमारी जीडीपी दुनिया की एक तिहाई थी और ब्रिटिश यहां से 900 सौ जहाज भर कर संपत्ति ले गए। इस अवसर पर विधायक सुधाकर देशमुख एवं भाजपा नेता जय प्रकाश गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व श्रद्धालु उपस्थित थे।

बोलता गया और यहां आ पहुंचा
एक छोटे बच्चे ने सवाल किया कि वह किस से प्रेरणा लेकर गुरु बने तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे नहीं पता था कि गुरु बनूंगा। मैं बोलता गया और यहां तक आ पहुंचा।

इसलिए आंदोलन से दूर हटा
उन्होंने कहा कि मैं 2009 में हुए आंदोलन में कालेधन को लेकर हुए आंदोलन में जुड़ा हुआ था, आर्ट ऑफ लिविंग के लोगों ने मार्च अगेंस्ट करप्शन और मार्च अगेंस्ट टेररिज्म के खिलाफ आंदोलन भी निकाला था। लेकिन जब वहां राजनीति होने लगी तो मैं दूर हट गया। उन्होंने अरविन्द केजरीवाल एवं किरण बेदी के नाम भी लिए।

कुछ सही, कुछ गलत
उन्होंने कहा कि देश अभी कुछ सही दिशा में जा रहा है और कुछ गलत दिशा में जा रहा है। जो सही है वह तो ठीक है, लेकिन गलत दिशा को हमें सुधारना होगा।

स्वदेशी वस्तु खरीदी जरूरी
सभी लोग स्वदेशी वस्तुओं का ही उपयोग करें, हमारे 90 फीसदी छोटे व्यापारियों का ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले आलू की चिप्स पहले विदेश से आती थी और अब वह हमारे गांव-गांव में मिलती है। वह तैयार यहीं होती है और उस पर लेबल विदेशी कंपनी का लगा रहा है इसलिए हमें विदेशी कंपनी के लेबल को छोड़ना होगा।


अधिक है ब्याज दर
उन्होंने कहा कि हमारे देश में बैंकों द्वारा ब्याज बहुत ज्यादा वसूल किया जाता है, यही वजह है कि किसान और व्यापारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

किसानों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग का कोर्स नि:शुल्क

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने विदर्भ में किसानों की आत्महत्या और निराशा पर चिंता जताते हुए जैविक तथा जीरो बजट खेती पर जोर दिया। उन्होंने किसानों की निराशा दूर कर उत्साह का संचार करने के लिए गांवों में आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स का नि:शुल्क आयोजन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के योग का नि:शुल्क आयोजन किया जाए, लेकिन यह कहा कि मुफ्त में मिलने वाली चीज की कोई कद्र नहीं करता। इसलिए कुछ न कुछ शुल्क आवश्यक है, चाहे 100 रुपए क्यों न हो। शुल्क देने पर तीनों दिन आएंगे। 

उग्रवादी कर रहे जैविक खेती 
उन्होंने बताया कि तीन-चार साल पहले असम के 350 उल्फा उग्रवादी बंगलुरु आए थे। उनका हृदय परिवर्तन हुआ और वे हथियार छोड़कर जैविक खेती कर रहे हैं। हथियार डाल चुके 180 उग्रवादी उनसे मिलने के लिए आए थे। स्थिति यह है कि अपनी फसल बेचने के लिए उन्हें बाजार नहीं जाना पड़ता, लोग खुद आकर ले जाते हैं। किसानों को आत्मबल बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि किसान यह विचार छोड़ दे कि मैं गरीब हूं। एक सवाल के जवाब में श्री श्री ने कहा कि जवानों और किसानों सभी की सुरक्षा जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली जवानों के साथ मनाते हैं।

युवाचार्य ट्रेनिंग 
आर्ट ऑफ लिविंग नागपुर की ओर से मानकापुर स्थित विभागीय क्रीड़ा संकुल में आयोजित ‘अंतरंग वार्ता’ कार्यक्रम में श्री श्री बोल रहे थे। उन्होंने जैविक और जीरो बजट खेती पर जोर देते हुए कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग ने युवाचार्य ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है ताकि गांवों के युवा अपने पैरों पर खड़े हो सके। इसमें आर्ट ऑफ लिविंग के एग्रीकल्चर ट्रस्ट पूर्ण सहयोग करते हैं। जो किसान पहले 40 हजार कमाते थे उनका लाभ बढ़कर 14 लाख रुपए लाभ हैं। पुणे, सांगली, सातारा के किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है।





 

Created On :   20 Nov 2017 7:33 AM GMT

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