खुलासा : हिंसा के बाद पहले महीने में हुई 6,700 रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों पर हुई हिंसा के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आ रहा है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि म्ंयामार में यह हिंसा अगस्त 2017 में शुरू हुई थी। हिंसा शुरू होने के पहले ही महीने में 6700 रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी। बांग्लादेश में शरणार्थियों के सर्वे के आधार पर कहा गया है कि म्यांमार के आधिकारिक आंकड़े 400 के मुक़ाबले मरने वालों की संख्या कहीं अधिक है।
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (MSF) के अनुसार अगस्त महीने में म्यांमार के रखाइन प्रांत में शुरू हुई हिंसा के बाद पहले महीने में ही 6,700 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए थे। जबकि सर्वे में पाया गया है कि 25 अगस्त से 24 सितम्बर के बीच कुल मिलाकर कम से कम 9,000 रोहिंग्या मारे गए हैं। इसके साथ ही अगस्त से अब तक 6.5 लाख रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश आ चुके हैं। MSF ने कहा है कि "म्यांमार के सुरक्षा बलों की ओर से व्यापक हिंसा के साफ़ संकेत" हैं।
म्यांमार की सेना ने इस हिंसा के लिए चरमपंथियों पर तोहमत जड़ी है और अपनी तरफ़ से किसी भी तरह की हिंसा से इनकार किया है। MSF ने कहा है कि म्ंयामार में हुई हिंसा को अगर बहुत कम करके आंकें तब भी मारे गए लोगों की संख्या कम से कम 6,700 है, जिनमें पांच साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 730 है। म्यांमार की सेना ने हिंसा में 400 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकारी थी और कहा था कि इनमें अधिकांश "मुस्लिम चरमपंथी" थे।
MSF की ये रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मामला दायर करने की संभावना पैदा करता है। मामला दायर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों की अनुमति ज़रूरी होगी, जबकि चीन ने म्यांमार को पूरा समर्थन दिया है। मगर समस्या ये है कि म्यांमार ने ICC के रोम क़ानून पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और इसे मानने को लेकर भी वो बाध्य नहीं है।
Created On :   14 Dec 2017 4:46 PM GMT