'बिटक्वाइन' को टक्कर देगी मुकेश अंबानी की क्रिप्टोकरेंसी 'जियो कॉइन'

Mukesh Ambani will launch his own digital currency Jio Coin
'बिटक्वाइन' को टक्कर देगी मुकेश अंबानी की क्रिप्टोकरेंसी 'जियो कॉइन'
'बिटक्वाइन' को टक्कर देगी मुकेश अंबानी की क्रिप्टोकरेंसी 'जियो कॉइन'


डिजिटल डेस्क। अतंर्राष्ट्रीय बाजार में धमाल मचाने वाली वर्चुयल करंसी बिटक्वॉइन में लोगों ने काफी पैसा इनवेस्ट किया है। भारत में भी कई लोग बिटक्वॉइन की तरफ आकर्षित हुए हैं।  बिटक्वॉइन के साथ ही अन्य वर्चुयल करंसी में लोगों ने काफी दिलचस्पी दिखा रहे है। इसलिए अब भारत के सबसे रईस व्यक्ति मुकेश अंबानी ने डिजिटल करंसी मैदान में उतरने का फैसला किया है। फ्री वॉयस कॉलिंग और अनलिमिटेड 4जी डाटा देकर देश के टेलीकॉम सेक्टर को हिलाने के बाद अब रिलायंस जियो बिटकॉइन जैसी करेंसी के साथ बाजार एक फिर हलचल मचाने जा रहे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो ने अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी जियो कॉइन बनाने की तैयारी कर रहा है।

कैसा तैयार होगी 

अंबानी जियो कॉइन प्रोजेक्ट की देखरेख करेंगे। इसके लिए आकाश अंबानी के नेतृत्व में 50 युवा पेशेवरों की एक टीम बनाई जाएगी। टीम में 25 साल के लोग शामिल होंगे। ये टीम जियो कॉइन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक बनाएगी साथ ही इससे जुड़ी अन्य तकनीकी पहलुओं पर नजर रखेगा।

 

                        Image result for क्रिप्टोकरेंसी जियो कॉइन

 

भारत में वैध नहीं क्रिप्टो करेंसी

वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि 2013 से 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार का रुख बहुत साफ रहा है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं। कनिमोझी ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार बिटकॉइन और एथिरियम जैसी क्रिप्टो करेंसियों को विनियमित करने के संबंध में विचार कर रही है। अरुण जेटली ने कहा था कि क्रिप्टो करेंसी का एक पहलू यह है कि उनमें सरकार पर निर्भरता का अभाव है।

सरकार ने दी चेतावनी

दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने भी निवेशकों को बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी के प्रति आगाह किया था। पिछले दिनों राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने द्रमुक सदस्य कनिमोझी के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति विशिष्ट कार्रवाइयों को सुझाने के लिए क्रिप्टो करेंसी से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है।

 

Image result for कॉइन

 

ये 7 क्रिप्टोकरंसी भी डिमांड में

बिटकॉइन के अलावा दुनिया में 7 करंसी ऐसी हैं क्रिप्टोकरंसीज ऐसी है जिन्में लोगों काफी दिलचस्पी दिखा रहे है। यही वजह है कि इथेरियम, लाइटकॉइन, रिपल जैसी डिजिटल करंसीज लगातार चढ़ रही हैं। आइए जातने है कि इन करंसीज में लोगों का इंट्रस्ट ले रहे है।

 

Image result for इथेरियम

 

इथेरियम- इथेरियम बिटकॉइन की सबसे नजदीकी प्रतिस्पर्धी के रूप में उभर रहा है। 2014 में आया इथेरियम अभी दूसरी सबसे मूल्यवान करंसी है। बिटकॉइन की तरह यह भी एक तरह का ब्लॉकचेन नेटवर्क ही है। बिटकॉइन और इथेरियम में मुख्य अंतर मकसद और क्षमता का है। बिटकॉइन ब्लॉकचेन के इस्तेमाल का मकसद यह जानने के लिए होता है कि बिटकॉइन किन-किनके पास है जबकि इथेरियम ब्लॉकचेन के जरिए डीसेंट्रलाइज्ड ऐप्लिकेशंस बनाए जाते हैं।

 

Image result for रिपल

 

रिपल- कई इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की नजर में रिपल बिटकॉइन का उत्तराधिकारी है। 2012 में बिटकॉइन के पूर्व डिवेलपरों ने रिपल लॉन्च की थी। यह एक स्टार्टअप है जिसकी वेबसाइट कहती है कि रिपल एक ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी है जो बैंकों, पेमेंट प्रवाइडरों, डिजिटल ऐसेट एक्सचेंजों और कंपनियों को जोड़ती है। यह स्टार्टअप रिपल के नाम से पेमेंट नेटवर्क भी ऑपरेट करता है। रिपल की क्रिप्टोकरंसी XRP है।

 

Image result for लाइटकॉइन

 

लाइटकॉइन- पिछले साल दिसंबर 2012 तक लाइटकॉइन की कीमत 5,700 प्रतिशत बढ़ चुकी थी जबकि उस अवधि तक बिटकॉइन 1,550 प्रतिशत ही मजबूत हुआ था। यह पियर-टु-पियर क्रिप्टोकरंसी है जिसे गूगल के पूर्व एंप्लॉयी और कॉइनबेस में इंजिनियरिंग के पूर्व डायरेक्टर चार्ली ली ने बनाया था। टेक्निकल इंप्लेमेंटेशन के लिहाज से लाइटकॉइन बिटकॉइन से बहुत मिलता-जुलता है।

ये भी पढ़े- बर्कशियर हैथवे में हुए प्रमोशन के बाद भारत के अजीत जैन ले सकते है वारेन बफेट की जगह

जेडकैस- दावा किया जा रहा है कि जेडकैस (ZEC) पहली परमिशनलेस क्रिप्टोकरंसी है जो ट्रांजैक्शन को पूरी तरह सुरक्षित रखती है। बिटकॉइन की तरह ही Zcash भी ब्लॉकचेन आधारित करंसी है। अक्टूबर 2016 में लॉन्च हुई यह डिजिटल करंसी का मॉनेटरी बेस भी बिटकॉइन के बराबर है।

डैश- डैश बिटकॉइन का एक और कड़ा प्रतिस्पर्धी है। यह एक ओपन सोर्स पियर-टु-पियर क्रिप्टोकरंसी है। डैश का इस्तेमाल त्वरित, ऑनलाइन या इन-स्टोर प्राइवेट पेमेंट्स के लिए किया जाता है। इसके लिए दुनियाभर के हजारों यूजर्स सिक्यॉर ओपन-सोर्स प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं।

 

Image result for मोनेरो-

 

मोनेरो- मोनेरो के बारे में कहा जाता है कि यह एक सुरक्षित, निजी और अज्ञात क्रिप्टोकरंसी है। इसकी लॉन्चिंग अप्रैल 2014 में हुई। मोनरो के डिवेलपर्स नेटवर्क की ट्रांजैक्शन फी 80 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

Image result for आईओटीए-

 

आईओटीए- आईओटीए भी बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इसका मार्केट कैप 0.75 लाख करोड़ रुपये के आसपास है। बिटकॉइन के डिवेलपमेंट के बाद आईओटीए को थर्ड जेनरेशन के ब्लॉकचेन का प्रतिनिधित्व करता है।

Created On :   14 Jan 2018 8:27 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story