दफना दिया गया मुंबई बमकांड का कैदी, मो. हनीफ की नागपुर सेंट्रल जेल में हुई थी मौत

Mumbai bomb blast accused hanif syed died in nagpur hospital
दफना दिया गया मुंबई बमकांड का कैदी, मो. हनीफ की नागपुर सेंट्रल जेल में हुई थी मौत
दफना दिया गया मुंबई बमकांड का कैदी, मो. हनीफ की नागपुर सेंट्रल जेल में हुई थी मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुंबई बमकांड में फांसी की सजा प्राप्त आरोपी मोहम्मद हनीफ अब्दुल रहीम (56) की नागपुर में मौत हो गई। जिसके बाद उसके शव का मेडिकल अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। इस दौरान वहां पुलिस विभाग और न्यायिक दंडाधिकारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया है। जहां से उसे मोमिनपुरा लाया गया। परिजन ने शव को दफना दिया। वह सेंट्रल जेल के फांसी यार्ड में बंद था।  सीने में दर्द होने के कारण उसे पहले जेल अस्पताल में पहुंचाया गया, वहां से  उसे मेडिकल अस्पताल ले जाने पर प्राथमिक जांच के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कहा जा रहा है कि उसकी मौत हो चुकी थी, जब उसे मेडिकल अस्पताल पहुंचाया गया। इससे तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। मृतक के परिजनों की उपस्थिति में मेडिकल अस्पताल में वीडियो रिकार्डिंग के साथ पोस्टमार्टम किया गया। 

झावेरी बाजार में हुआ था विस्फोट

सूत्रों के अनुसार 25 अगस्त 2003 में मुंबई के झावेरी बाज़ार के मध्य में एक टैक्सी में विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 29 लोग मारे गए थे। इस विस्फोट का प्रभाव इतना तीव्र था कि 200 मीटर के दायरे में आभूषण भंडार के कांच के शीशे आदि चकनाचूर हो गए। घटना के बाद गेटवे ऑफ इंडिया के ठीक बगल में एक और विस्फोट हुआ, जिसमें 25 लोग मारे गए। धमाकों में 250 से अधिक लोग घायल हुए थे। धमाके में  किसी ने अपनी आंखें गंवा दी, तो कोई अपंग हो गया था।  बमकांड में  मुंबई पुलिस ने तीन प्रमुख आरोपियों अशरत अंसारी (32), हनीफ सईद (46) और उनकी पत्नी फहमीदा सईद (43) को गिरफ्तार किया था। उस समय जांच में पता चला कि 25 अगस्त 2003 को  अंसारी, हनीफ सईद, उसकी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों के साथ एक टैक्सी किराए पर ली और गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे। वे अपने साथ विस्फोटक का एक बैग ले जा रहे थे, जिसे उन्होंने टैक्सी में छोड़ दिया और कैब ड्राइवर से कहा कि वे दोपहर के भोजन के बाद वापस लौटेंगे। वहां से उन्होंने दूसरी टैक्सी किराए पर ली और झावेरी बाजार पहुंचे। गेटवे ऑफ इंडिया में बम विस्फोट होने के कुछ ही मिनटों बाद, झावेरी बाज़ार में इसी तरह की घटना हुई, जिसमें इन आरोपियों का ही हाथ था। उस समय पूछताछ के दौरान, सजायाफ्ता तिकड़ी ने कहा कि आतंकी हमले को अंजाम देने का उनका मकसद 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों का बदला लेना था। आरोपी अशरत अंसारी, हनीफ सईद और फेहमीदा सईद को पोटा अदालत ने मौत की सजा दी।

Created On :   11 Feb 2019 5:41 AM GMT

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