पेयजल शुद्धता मानक में टॉप पर मुंबई, दिल्ली सबसे नीचे (लीड-1)

Mumbai, Delhi at the top in the drinking water purity standard (lead-1)
पेयजल शुद्धता मानक में टॉप पर मुंबई, दिल्ली सबसे नीचे (लीड-1)
पेयजल शुद्धता मानक में टॉप पर मुंबई, दिल्ली सबसे नीचे (लीड-1)

नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ भारत के 20 राज्यों की राजधानियों में नल के माध्यम से सप्लाई किया जाने वाला पेयजल की शुद्धता के मामले में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई अव्वल स्थान पर पाया गया है जबकि दिल्ली इस सूची में सबसे निचले पायदान पर है।

भारतीय मानक ब्यरो (बीआईएस) द्वारा लिए गए पानी के नमूने की जांच में दिल्ली के सभी 11 जगहों से एकत्रित किए गए नमूने शुद्धता के विभिन्न मानकों पर विफल पाए गए जबकि मुंबई में एकत्रित किए गए सभी 10 नमूने बीआईएस के शुद्धता मानकों के अनुरूप उपयुक्त पाए गए हैं।

पेयजल के इन नमूने की बीएसआई द्वारा जांच के बाद इसकी अंतिम रिपोर्ट जारी करते हुए शनिवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने फिर कहा कि देश की राजधानी में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा आपूर्ति किया जाने वाला पानी पीने योग्य नहीं है।

पासवान ने कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने 2024 तक देश में हर घर में शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। इसी सिलसिले में दिल्ली में 11 जगहों से पीने के पानी के नमूने एकत्र किए गए थे और प्रारंभिक जांच में नमूने विफल पाए जाने के बाद हमने देश के विभिन्न शहरों में नल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच करवाने का फैसला लिया।

पहले चरण में दिल्ली से पेयजल के नमूने एकत्र करने के बाद दूसरे चरण में देश के 20 राज्यों की राजधानियों में विभिन्न जगहों से पानी के नमूने इकट्ठा किए गए। पानी के इन नमूनों की गुणवत्ता की जांच करवाने के बाद इन शहरों को पेयजल की शुद्धता के वरीयता क्रम में दर्शाया गया है जिसमें मुंबई पहले स्थान पर जबकि हैदराबाद और भुवनेश्वर दूसरे स्थान पर हैं। इन दोनों शहरों में लिए गए एक-एक नमूने गुणवत्ता के सिर्फ एक मानक पर विफल पाए गए हैं।

वहीं, सूची में तीसरे स्थान पर स्थित रांच में पानी का एक नमूना गुणवत्ता के चार मानकों पर विफल पाया गया है। चौथे स्थान पर रायपुर है जहां पानी के 10 में से पांच नमूने गुणवत्ता के तीन मानकों पर विफल पाए गए। इसके बाद पांचवें, छठे, सातवें और आठवें स्थान पर क्रमश: अमरावती, शिमला, चंडीगढ़ और त्रिवेंद्रम हैं।

अमरावती में 10 में से छह नमूने सात मानकों पर, शिमला में नौ नमूने एक मानक पर, चंडीगढ़ में सभी 10 नमूने दो मानकों पर और त्रिवेंद्रम में सभी 10 नमूने तीन मानकों पर विफल पाए गए हैं।

सूची में नौवें स्थान पर स्थित पटना और भोपाल में सभी 10 नमूने क्रमश: चार मानकों पर विफल पाए गए हैं।

वरीयता क्रम में 10वें स्थान पर गुवाहाटी, बेंगलुरू और गांधीनगर हैं जहां सभी 10-10 नमूने पांच-पांच मानकों पर विफल पाए गए हैं।

लखनऊ और जम्मू 11वें स्थान पर हैं जहां सभी 10-10 नमूने क्रमश: छह-छह मानकों पर विफल पाए गए हैं।

12वें स्थान पर स्थित जयपुर और देहरादून में सभी 10-10 नमूने क्रमश: सात-सात मानकों पर विफल पाए गए हैं। चेन्नई इस क्रम में 13वें और कोलकाता 14वें स्थान पर हैं। चेन्नई में लिए गए पानी के सभी 10 नमूने नौ मानकों पर विफल पाए गए हैं जबकि कोलकाता में लिए गए पानी के सभी नौ नमूने नौ मानकों पर विफल पाए गए हैं।

सबसे निचले पायदान पर स्थित दिल्ली में लिए गए 11 नमूने कहीं कहीं चार, कहीं सात, कहीं 15 और कहीं 19 मानकों पर विफल पाए गए हैं।

मंत्रालय ने बताया कि तीसरे चरण में उत्तर पूर्वी राज्यों की राजधानियों व आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा चिन्हित स्मार्ट सिटी से पानी के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। बीआईएस के अधिकारियों ने बताया कि इनकी रिपोर्ट 15 जनवरी 2020 तक आने की संभावना है।

चौथे चरण में देश के सभी जिला मुख्यालयों में नल द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पेयजल के नमूने एकत्रित कर उनकी जांच करवाई जाएगी। पासवान ने बताया कि उसकी रिपोर्ट अगले साल 15 अगस्त तक आएगी।

Created On :   16 Nov 2019 1:30 PM GMT

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