‘सुपर-100' से निजी स्कूलों को टक्कर देगी मनपा, होनहार बच्चों को टॉपर बनाने की तैयारी

Municipal corporation compete with private schools with super 100
‘सुपर-100' से निजी स्कूलों को टक्कर देगी मनपा, होनहार बच्चों को टॉपर बनाने की तैयारी
‘सुपर-100' से निजी स्कूलों को टक्कर देगी मनपा, होनहार बच्चों को टॉपर बनाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। निजी स्कूलों के मुकाबले शैक्षणिक गुणवत्ता में पिछड़ जाने से मनपा स्कूलों को विद्यार्थी मिलना मुश्किल हो गया है। मनपा स्कूलों को इस संकट से उबारने के लिए ‘सुपर-100' छात्रों को तैयार करेगी। इन्हें 18 सरकारी स्कूलोें से चुना जाएगा। यह वे छात्र होंगे, जिनका परीक्षा परिणाम पहले से बेहतर रहा है। उन्हीं पर विशेष मेहनत कर उन्हें शहर में अव्वल बनाया जाएगा। इसकी संकल्पना अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी की है।

शहर में मनपा के 29 माध्यमिक स्कूल हैं। प्रचलित पद्धति के अनुसार साल भर में दो सत्रांत परीक्षाएं ली जाती हैं। सत्रांत परीक्षा से पहले पढ़ाए गए पाठ्यक्रम के आधार पर टेस्ट परीक्षा ली जाती है। इन परीक्षाओं का स्कूल का अपना पैटर्न रहता है। बोर्ड परीक्षा और स्कूलों में लिए जाने वाले परीक्षा पैटर्न में अंतर रहता है। दसवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा का सामना होने पर विद्यार्थी पहले से ही मानसिक दबाव में रहते हैं। ऊपर से बोर्ड परीक्षा पैटर्न के पर्चे सामने आने से परेशानी और बढ़ जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए बोर्ड परीक्षा पैटर्न पर नियमित पर्चे हल करवाकर परीक्षा के लिए तैयार करने की मनपा के शिक्षा विभाग ने योजना बनाई है।

शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने उठाए कदम

मनपा स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गरीब परिवार में रहते हैं। आर्थिक परेशानी के चलते कोचिंग क्लासेस लगाना उनके बस में नहीं रहता। स्कूल में जो पढ़ाया जाता है, उसी पर परीक्षा की तैयारी करते हैं। अधिकांश परिवाराें का शिक्षा से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं रहने से घर में पढ़ाई-लिखाई का वातावरण नहीं रहता। ऐसे परिवेश में रहकर घर पर परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर पाने से बौद्धिक क्षमता रहकर भी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। ऐसे विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के िलए यह कदम उठाया गया है।

80 प्रतिशत से अधिक अंक लेनेवालों का चयन

शहर में मनपा के 29 माध्यमिक स्कूल है। इसमें से 18 स्कूलों के हिंदी, मराठी और उर्दू स्कूलों के विद्यार्थियों का चयन िकया गया है। 80 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाले विद्यार्थियों को चुना गया है।

प्राथमिक स्तर पर मौलिक शिक्षा का "असर'

प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों की गुणवत्ता बढ़ाने "असर' प्रोजेक्ट के माध्यम से मौलिक शिक्षा दी जाएगी। विद्यार्थियों को घटाना, बढ़ाना, गुणाकार, विभाजन के पाठ पढ़ाए जाएंगे। इसके के साथ भाषा ज्ञान बढ़ाने की दृष्टि से वाचन कराने के साथ-साथ व्याकरण का ज्ञान दिया जाएगा। पढ़ाए गए पाठ विद्यार्थियों के समझ में आए या नहीं, इसकी जांच टेस्ट लेकर की जाएगी।
 

Created On :   7 Aug 2019 6:11 AM GMT

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