तीन मासूमों की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद की सजा,पति से थी परेशान

Murderer of three innocent kids a mother sentenced to lifetime imprisonment
तीन मासूमों की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद की सजा,पति से थी परेशान
तीन मासूमों की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद की सजा,पति से थी परेशान

डिजिटल डेस्क, सीधी। पति से तंग होकर अपने तीन मासूम बच्चों को नदी में डुबोकर मौत की नींद सुलाने वाली मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी मां को 100 रुपए के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया गया है। घटना तीन साल पूर्व कमर्जी थाना के गहिरा गांव के रेही नदी का है। मामले की शासन की तरफ से पैरवी शासकीय लोक अभियोजक अधिवक्ता अरूण मिश्रा ने किया है।

फैसले की जानकारी देते हुए श्री मिश्र ने बताया कि कमर्जी थाना के पतेरी गांव निवासी पुष्पा पाण्डेय का विवाह रीवा जिले के लौर थाना के मलयगवां गांव निवासी इन्द्रमणि पाण्डेय के साथ हुआ था। उसके तीन बच्चे भी थे, पति इन्द्रमणि पाण्डेय से उसकी अनबन चल रही थी। पति की अनदेखी से तंग होकर एक बार पुष्पा मायके पतेरी आई तो फिर वह ससुराल तीन माह तक नही गई।

घटना दिनांक 1 जून की सुबह अपने ननद के घर जाने को बोलकर निकली और कमर्जी थाना के गहिरा गांव घोघरा मंदिर पहुंची जहां बच्चों को भोजन पानी कराकर रेही नदी लेकर गई और बच्चों के कपड़े उतारकर नदी के गहरे कुण्ड मे डुबो दिया। साक्ष्य छुपाने के लिहाज से कपड़े, चप्पल आदि झाड़ियों मे छुपाकर भाग गई। दूसरे दिन गांव के सरपंच रमेश सिंह उर्फ रज्जन सिंह ने गांव के लोगों की तरफ से बच्चों के नदी मे डूबे होने की सूचना थाने को दी। जहां से तत्कालीन थाना प्रभारी चक्रधर प्रजापति ने मर्ग कायम कर तीनों बच्चों प्रिया पाण्डेय 11 बर्ष, प्रियांशी पाण्डेय 8 बर्ष व लल्ला उर्फ आदर्श पाण्डेय 6 बर्ष के शव को पीएम बाद चीरघर के पास ही दफना दिया गया था। तीन बच्चों की मौत पर पूरे जिले मे सन्नाटा छा गया था।

पुलिस अधीक्षक ने मामले को सुलझाने की जिम्मेवारी उप निरीक्षक पुष्पेन्द्र मिश्रा को सौंपी । हत्या कर भाग चुकी मां के भोपाल में होने की बात सामने आई जहां से उसे हिरासत मे लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपराध करना स्वीकर कर लिया। जिस पर कमर्जी थाना मे पुष्पा पाण्डेय के खिलाफ धारा 302 का अपराध दर्ज कर सुनवाई के लिये चुरहट न्यायालय मे पेश किया गया। जहां मामला उपार्पित कर विशेष न्यायालय को भेज दिया गया। जहां विशेष जस्टिस एके पालीवाल ने सभी बिन्दुओं को सुनने के वाद निर्मोही मां को अपने कलेजे के टुकड़ों की निर्मम हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा व सौ रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि जमा नही किए जाने पर सात दिन के अतिरिक्त सजा भुक्ताए जाने का फैसला सुनाया है।

 

Created On :   29 Jun 2018 2:34 PM GMT

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