अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बैंच में शामिल जस्टिस नजीर की जान को खतरा, मिली जेड सुरक्षा

Muslim judge who pronounced Ayodhya verdict to get Z category security
अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बैंच में शामिल जस्टिस नजीर की जान को खतरा, मिली जेड सुरक्षा
अयोध्या पर फैसला सुनाने वाली बैंच में शामिल जस्टिस नजीर की जान को खतरा, मिली जेड सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाली बैंच में शामिल रहे जस्टिस एस अब्दुल नजीर की जान को खतरा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों से जस्टिस नजीर को खतरा होने की जानकारी दी है। इसकी जानकारी मिलते ही केंद्र सरकार ने ​नजीर और उनके परिजनों को जेड सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है। ज्ञात हो कि जस्टिस अब्दुल नजीर अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायमूर्तियों में शामिल थे।

गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस को जस्टिस नजीर और उनके परिवार को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने इससे पहले 9 नवंबर को फैसला आने से पहले सीजेआई गोगोई को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराई थी।

जानकारी अनुसार जस्टिस नजीर जब बेंगलुरू, मंगलुरू और राज्य के किसी भी हिस्से में सफर करेंगे तो उन्हें कर्नाटक कोटे से ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यही सुरक्षा उनके परिजनों को भी दिया जएगा। इस दौरान उनके साथ 22 पैरामिलिट्री के जवान रहेंगे वहीं  पुलिस के जवान भी शामिल रहेंगे। साथ ही उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी।

तीन तलाक मामले में गठित बेंच में भी शामिल थे नजीर 

जस्टिस नजीर अयोध्या के अलावा तीन तलाक को गैरकानूनी करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी जस्टिस नजीर 5 जजों की बेंच में शामिल रहे हैं। 61 वर्षीय जस्टिस नजीर कर्नाटक हाईकोर्ट में साल 1983 में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्हें हाई कोर्ट का एडिशनल जज 2003 में बनाया गया था। 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर उन्हें प्रमोट किया गया था।

Created On :   17 Nov 2019 5:42 PM GMT

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