मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: कोर्ट ने नीतीश कुमार के खिलाफ दिए CBI जांच के आदेश
- CBI अब इन सभी के खिलाफ जांच करेगी।
- आरोपी अश्विनी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार
- मुजफ्फरपुर के डीएम धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ जांच की मांग की थी।
- स्पेशल पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
डिजिटल डेस्क, पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में स्पेशल पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। एडवोकेट सुधीर ओझा ने शनिवार को बताया कि आरोपी अश्विनी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार, मुजफ्फरपुर के डिस्ट्रिकिट मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह और सोशल वेल्फेयर के प्रमुख अतुल प्रसाद के खिलाफ जांच की मांग की थी। सुधीर ओझा ने बताया कि इसको लेकर अश्विनी ने एक याचिका भी दायर की थी। CBI अब इन सभी के खिलाफ जांच करेगी।
Advocate Sudhir Ojha on Muzaffarpur shelter home case: Accused Ashwani filed a petition demanding probe against Bihar CM Nitish Kumar, Muzaffarpur District Magistrate Dharmendra Singh and principal secy of Social Welfare Atul Prasad. CBI will now investigate against them. #Bihar pic.twitter.com/u26U3JPx1F
— ANI (@ANI) February 16, 2019
आरोपी अश्विनी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि CBI सही तरीके से तथ्यों को पेश नहीं कर पा रही है। यह वही तथ्य हैं, जो मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम केस में पूर्व डीएम धर्मेंद्र सिंह, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अतुल कुमार सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिकाओं पर सवाल उठाते हैं। अश्विनी जो कि पेशे से डॉक्टर है, उसपर आरोप था कि वह रेप किए जाने से मासूम बच्चियों को नशीली दवाएं देता था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ने इस मामले में सही एक्शन नहीं लिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को FIR फाइल करना था, जो कि उन्होंने नहीं किया। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को सेक्शन 377 (रेप) औक पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज करने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिहार सरकार का एक्शन शर्मनाक है। बच्चों के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण किया जाता है और सरकार कुछ भी नहीं कर रही। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।
क्या है मामला?
मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में 34 बच्चियों से रेप की बात सामने आई थी। लड़कियों के साथ हुई इस दरिंदगी का खुलासा मुंबई स्थित टाटा इन्स्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट में हुआ था। मामला सामने आने के बाद शेल्टर होम को संचालित करने वाले गैर-सरकारी संगठन (NGO) को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इस मामल में अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। CBI इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
Created On :   16 Feb 2019 4:03 PM GMT