सरकार को सोयाबीन-मूंग बेचने नहीं आए किसान, लक्ष्य से बहुत पीछे रहा नाफेड

NAFED failed to fulfill target of soybean and moong procurement
सरकार को सोयाबीन-मूंग बेचने नहीं आए किसान, लक्ष्य से बहुत पीछे रहा नाफेड
सरकार को सोयाबीन-मूंग बेचने नहीं आए किसान, लक्ष्य से बहुत पीछे रहा नाफेड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। महाराष्ट्र में इस साल सोयाबीन और मूंग की खरीदी बेहद कम हुई है। जिसके चलते राज्य सरकार सोयाबीन और मूंग खरीदी लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है। साल 2017-18 की खरीफ फसल के लिए नाफेड ने प्रदेश में 10 लाख क्विंटल सोयाबीन खरीदने का लक्ष्य रखा था। लेकिन सिर्फ 2 लाख 62 हजार 838 क्विंटल सोयाबीन की खरीद हो सकी है। खास बात यह है कि सोयाबीन बेचने के लिए 87 हजार 768 किसानों ने पंजीयन कराया था पर इनमें से 18 हजार 309 किसान  ही अपना सोयाबीन बेचने खरीद केंद्रों पर आए।

आधे किसानों ने सरकारी खरीद केंद्रों से मुह मोड़ा, खरीद के लक्ष्य से बहुत पीछे रहा नाफेड

प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने "दैनिक भास्कर" को बताया कि बाजार में सोयाबीन की कीमत अच्छी मिलने के कारण किसानों ने खरीद केंद्रों पर आना पंसद नहीं किया। विपणन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल मूंग 3 लाख 70 हजार क्विंटल खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन केवल 54 हजार 341 क्विंटल मूंग की खरीदी हो पाई है। मूंग बेचने के लिए 23 हजार 483 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 11 हजार 288 किसानों ने मूंग बेचा। दूसरी तरफ इस साल उड़द 5 लाख 86 हजार 639 क्विंटल खरीदी की गई है। 

सरकार को सोयाबीन-मूंग बेचने नही आए किसान, खरीदी के लिए 161 खरीद केंद्र 

किसानों को सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 हजार 50 रुपए प्रति क्विंटल दिए गए हैं। जबकि मूंग के लिए 5 हजार 575 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द के लिए 5 हजार 400 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा। राज्य में सोयाबीन खरीदी के लिए 161 खरीद केंद्र खोले गए थे। जबकि मूंग खरीदने के लिए 113 और उड़द के लिए 118 खरीद केंद्र खोले थे। 

 

Created On :   22 Feb 2018 12:36 PM GMT

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