राहत नहीं घातक है बर्फ, बिना जांच हो रही बिक्री

Nagpur :In summer season ice is selling without any quality check
राहत नहीं घातक है बर्फ, बिना जांच हो रही बिक्री
राहत नहीं घातक है बर्फ, बिना जांच हो रही बिक्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मी शुरू होते ही  शीतपेय की मांग बढ़ जाती है। शीतपेयों को ठंडा करने के लिए जाे बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है वह बिना किसी जांच के बिक रहा है, जिससे जन स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। खाने योग्य बर्फ के नमूनों की जांच करने वाला अन्न व औषधि प्रशासन भी गहरी नींद में सोया हुआ है। अभी तक एक भी नमूने की जांच नहीं किए जाने से बर्फ की गुणवत्ता को लेकर सवाल बना हुआ है।

अन्न, औषधि प्रशासन का नियंत्रण नहीं
बर्फ फैक्टरी में बनाए जाने वाले बर्फ की गुणवत्ता जांच करने की जिम्मेदारी अन्न व औषधि प्रशासन पर है। हैरत कि बात है कि इस वर्ष विभाग की ओर से एक भी नमूने की जांच नहीं की गई है। विभाग का नियंत्रण नहीं रहने से बर्फ फैक्टरियों की मनमानी चल रही है। बिना जांच के बाजार में बर्फ की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।

सफेद और नीले रंग की बर्फ
खाने के लिए इस्तेमाल होने वाली और कोल्ड स्टोरेज के लिए अलग-अलग प्रकार की बर्फ बनाई जाती है। खाने के लिए इस्तेमाल होने वाली बर्फ का रंग सफेद होता है। वहीं नीले रंग की बर्फ कोल्ड स्टोरेज के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसे कच्ची बर्फ भी कहा जाता है। सफेद बर्फ पीने योग्य पानी से बनाई जाती है। नीले रंग की बर्फ बनाने के लिए पानी का कोई मानक तय नहीं है। खाने की बर्फ बनाने के लिए अन्न व औषधि प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के बर्फ बनाकर बेचने पर इसे गुनाह माना गया है। जबकि कच्ची बर्फ बनाने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। 

खतरे में स्वास्थ्य
खाने की बर्फ में टीडीएस, क्लोराइड, मैग्नेशियम आदि रासायनिक तत्वों की मात्रा जांच करनी अनिवार्य है। बर्फ फैक्टरी में पानी की जांच के लिए लेबोरेटरी होनी चाहिए। सूत्रों से पता चला है कि अधिकांश फैक्टरियों में लेबोरेटरी नहीं है। यदि है भी तो केवल औपचारिकता निभाई जा रही है। बिना जांच किए पानी से बनाई जा रही बर्फ खाने योग्य नहीं है। इसे खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने से स्वास्थ्य पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।  

Created On :   22 March 2019 7:19 AM GMT

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