कोतवाली पुलिस की दरियादिली : गरीब की बेटी के लिए चंदे के पैसे से खरीदी नई साइकिल

Nagpur Police bought a bicycle for the innocent poor girl student
कोतवाली पुलिस की दरियादिली : गरीब की बेटी के लिए चंदे के पैसे से खरीदी नई साइकिल
कोतवाली पुलिस की दरियादिली : गरीब की बेटी के लिए चंदे के पैसे से खरीदी नई साइकिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। किसी गरीब की साइकिल चोरी हो जाए तो वह खुद को असहाय महसूस करने लगता है ऐसा ही वाकया कोतवाली थाने में सामने आया। एक गरीब की बेटी की साइकिल चोरी हो गई थी, उसे थाने से फोन आया वह भी होली के दिन तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वह अपने परिजनों के साथ साइकिल लेने थाने पहुंची। पुलिस वालों ने उसकी पुरानी साइकिल नहीं मिलने की जानकारी दी तो वह मायूस हो गई, लेकिन जब पुलिस वालों ने उसकी पुरानी साइकिल के बदले में नई साइकिल दी तो उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर गई।

पांचवीं की छात्रा है, डॉक्टर बनना चाहती है
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली कृषा नामक इस बालिका की डॉक्टर बनने की तमन्ना है। वह चाहती है कि वह गरीबों का इलाज कर सके। मां और बहन के साथ रहने वाली इस बच्ची की पुलिस ने मदद की तो उसने उनका शुक्रिया अदा किया। पुलिस पर अक्सर लोग उंगली उठाते रहते हैं। किसी भी शहर में हमेशा पुलिस की खामियां ही गिनाई जाती हैं, कोतवाली पुलिस ने होली के दिन इस बच्ची को ऐसा तोहफा दिया कि वह ताउम्र नहीं भूलेगी। कोतवाली थाने के अधिकारियों- कर्मचारियों ने चंदा एकत्रित किया और उस बच्ची के लिए नई साइकिल खरीद डाली। इस बच्ची ने थाने में अपनी पुरानी साइकिल के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी। वह इसी पुरानी साइकिल से अपने स्कूल जाती थी। उसकी मां और बहन के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह नई साइकिल खरीद सके। पुलिस जानती थी कि इस बच्ची की साइकिल नहीं मिल सकेगी, इसलिए पुलिस उसके लिए होली में नई साइकिल देकर उसकी खुशी को दोगुनी कर दी। पुलिस कर्मियों ने उस बच्ची के डॉक्टर बनने के हौसले को देखते हुए आने वाले समय में भी मदद करने का आश्वासन दिया है। 

स्कूल के बाहर रखने पर हो गई चोरी 
सूत्रों ने बताया कि कृषा के पिता नहीं हैं। उसकी मां और बहन उसे जैसे- तैसे पढ़ा रहे हैं। वह महल रेशमबाग स्थित हिंदू मुलींची शाला में पांचवीं कक्षा में पढती है। एक दिन वह स्कूल गई। उसने उस दिन स्कूल के बाहर ही साइकिल को ताला लगाकर रख दिया। स्कूल छूटी तो उसे साइकिल नजर नहीं आई। वह घर गई और मां को साइकिल चोरी हो जाने की बात बताई। कोतवाली पुलिस जानती थी कि उसकी साइकिल मिलना मुश्किल है। कृषा की मां ने थाने के वरिष्ठ थानेदार ज्ञानेश्वर भोसले से कई बार मुलाकात की और कहा कि साहब बेटी की साइकिल दिलवा दो , नहीं तो वह स्कूल नहीं जाएगी। पुलिस ने कृषा और उसकी मां की तसल्ली के लिए साइकिल की तलाश की, आस-पास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए। उसकी साइकिल नहीं मिली। तब वरिष्ठ थानेदार भोसले की पहल पर थाने के कर्मचारियों ने चंदा एकत्रित किया और उसकी बेटी को नई साइकिल खरीदकर दी। इस तरह की दरियादिली नागपुर की पुलिस में कई बार देखने को मिल जाती है।             

Created On :   23 March 2019 11:00 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story