मास कम्युनिकेशन करने वालों को दी गई सही डिग्रियां

Nagpur university give correct degree of mass communication students
मास कम्युनिकेशन करने वालों को दी गई सही डिग्रियां
मास कम्युनिकेशन करने वालों को दी गई सही डिग्रियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  यूनिवर्सिटी  द्वारा संचालित पोस्ट ग्रेजुएट इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को गलत डिग्रियां देने का मामला  भास्कर हिंदी डॉट काम पर उजागर करने के बाद आखिरकार यूनिवर्सिटी ने विद्यार्थियों काे सुधारित डिग्रियां जारी कर दी हैं। यूनिवर्सिटी  कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे ने बताया कि, यूनिवर्सिटी  को गलती समझ आने के बाद पुरानी डिग्रियां बुलाकर सही डिग्रियां जारी की गई हैं। किसी विद्यार्थी का नुकसान नहीं होने दिया। गलती के पीछे उन्होंने कारण बताया कि, प्रकाशन के वक्त पुराना फार्मेट इस्तेमाल होने के कारण गलत डिगियां बन गईं, लेकिन जनसंपर्क विभाग को विद्यार्थियों को डिग्रियां बंटने के पूर्व उन्हें ठीक से देख लेना चाहिए था। लिहाजा जनसंपर्क विभाग के स्तर पर भी यह गलती हुई है। डॉ. काणे के अनुसार प्र-कुलगुरु इस पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। 

यह हुई थी गड़बड़ी
वर्ष 2002 में यूजीसी ने मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन कोर्स बंद कर सभी विश्वविद्यालयों को अपने यहां ‘मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेश्न’ नाम से पाठ्यक्रम चलाने के आदेश दिए । नागपुर यूनिवर्सिटी  ने वर्ष 2008-09 में इस बदलाव को स्वीकार किया, लेकिन विवि ने बीते कुछ वर्षों में कुछ विद्यार्थियों को ‘मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेश्न’ की डिग्री दी है, तो कुछ को ‘मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (एमएमसी) की डिग्री दी है। ऐसे में जो पाठ्यक्रम बंद हो गया है, इसकी डिग्री देकर यूनिवर्सिटी  ने विद्यार्थियों का भविष्य संकट में डाल दिया। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब मामले की जांच शुरूरु की तो पता चला कि, यह त्रुटि वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की बैच की डिग्रियों में हुई है। इस दौरान यूनिवर्सिटी ने कुल 59 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गई, इसमें से करीब 30 विद्यार्थियों को गलत नाम की डिग्रियां जारी हुई हैं। इसके बाद विद्यार्थियों की गलत डिग्रियां वापस मंगवाकर नई डिग्रियां जारी की गई हैं।  

शार्टहैंड परीक्षा की आंतरिक जांच शुरू
महल स्थित दादासाहब धनवटे नगर विद्यालय में शार्टहैंड की परीक्षा में उत्तर-पत्रिका घर ले जाकर छापने का मामला सामने आने के बाद अब केंद्र संचालक ने इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। खबर है कि, गुरुवार को उन्होंने विद्यालय में शार्टहैंड की परीक्षा में लगे कर्मचारियों को बुलाकर पूछताछ की है। अन्य स्त्रोतों के जरीये भी इसकी जांच शुरू की है। शालेय शिक्षा विभाग को भी इससे अवगत कराया है।  विद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज भी निकालकर इसकी पुष्टि की जाएगी। हालांकि बात करने पर परीक्षा केंद्र के संचालक विजय कोकोडे ने शार्टहैंड परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है। 

केंद्र के स्टाफ से की गई पूछताछ, सीसीटीवी कैमरों की भी होगी पड़ताल बुधवार को राज्य भर में शार्टहैंड (लघुलेखन) की परीक्षा आयोजित की गई थी। विदर्भ में महल स्थित दादासाहब धनवटे नगर विद्यालय परीक्षा का एकमात्र केंद्र है। बुधवार से शुरू हुई परीक्षा 28 जुलाई तक चलेगी, लेकिन पहले ही दिन परीक्षा केंद्र पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आयी थीं। इसकी कुछ फोटो और वीडियो भी सामने आए थे। परीक्षा केंद्र से कुछ परीक्षार्थी प्रश्न और उत्तर-पत्रिका बाहर ले जाते मिले। कुछ ने घर जाकर उसे हल किया, तो कुछ इंस्टिट्यूट में जाकर उसे हल करके ले आए। एक इंस्टिट्यूट चालक ने ऐसे कुछ परीक्षार्थियों को रंगेहाथ भी पकड़ा, लेकिन शिकायत नहीं होने से कोई एक्शन भी नहीं हुआ। हालांकि खबर सामने आने के बाद ‘दैनिक भास्कर’ ने उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसे लेकर परीक्षा केंद्र में हड़कंप मचा रहा। गुरुवार को परीक्षा केंद्र पर काफी सख्ती बरतने की भी जानकारी है। 

जांच के बाद कार्रवाई
मेरी जानकारी में अभी तक इसकी कोई शिकायत सामने नहीं आई। अखबार में मामला आने के बाद हमने  इसकी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। कई लोगों से जानकारी भी ली जा रही है। अगर इसमें कोई शामिल पाया जाता है, तो निश्चित कार्रवाई की जाएगी। 
-विजय कोकोडे, परीक्षा केंद्र के संचालक 

 
 

Created On :   26 July 2019 10:53 AM GMT

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