National Conference will boycott panchayat elections in Jammu Kashmir
हाईलाइट
  • जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों का नेशनल कॉन्फ्रेंस बहिष्कार करेगी।
  • नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केन्द्र सरकार द्वारा आर्टिकल 35A पर अपना रूख स्पष्ट न करने पर लिया फैसला।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी पंचायत और निकाय चुनावों का नेशनल कॉन्फ्रेंस बहिष्कार करेगी। पार्टी ने यह फैसला आर्टिकल 35-A पर छिड़ी बहस को लेकर लिया है। पार्टी का कहना है कि केन्द्र सरकार अगर आर्टिकल 35-A पर अपना रूख स्पष्ट नहीं करती है तो हम पंचायत और निकाय चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे। पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने यह ऐलान करते हुए कहा, "केंद्र सरकार को आर्टिकल 35-A पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए, अगर वह ऐसा नहीं करती है तो आगामी चुनावों में भाग नहीं लेंगे।"

गौरतलब है कि एनजीओ "वी द सिटिजन" ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35-A की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। NGO की इस याचिका पर छह और 27 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे लेकर केन्द्र सरकार का लगातार विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है  कि केन्द्र सरकार आर्टिकल 35-A में छेड़छाड़ कर जम्मू-कश्मीर से उसके अधिकार छीनना चाहती है। पार्टी का यह भी कहना है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार के कारण इस आर्टिकल में छेड़छाड़ से कश्मीर में अशांति पैदा होगी।

आर्टिकल 35-A पर छिड़ी इस बहस के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "आर्टिकल 35-A पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जो अधूरा रूख सामने आया है, वह राज्य के लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। सरकार को इस महत्वपूर्ण आर्टिकल पर अपना रूख पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए। जब तक केन्द्र सरकार और राज्य सरकार इस आर्टिकल पर अपना रुख साफ नहीं कर देते, तब तक नेशनल कॉन्फ्रेंस निकाय और पंचायत चुनावों में भाग नहीं लेगी।" फारुक अब्दुल्ला ने इस दौरान यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए आर्टिकल 35-A का बहुत महत्व है। केन्द्र सरकार को इस सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।"

पार्टी के इस फैसले को जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और फारुक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "अब केन्द्र सरकार पर निर्भर है कि वह कब तक आर्टिकल 35-A पर अपना रूख स्पष्ट करती है। निकाय और पंचायत चुनावों का इस्तेमाल 35-A की सुनवाई टालने के लिए नहीं किया जा सकता।"

 


बता दें कि पिछले दिनों ही जम्मू-कश्मीर में शहरी निकाय और पंचायत चुनावों का ऐलान हुआ है। इसके अनुसार, अक्टूबर के पहले हफ्ते में यहां शहरी निकाय चुनाव संपन्न किए जाने हैं। वहीं साल के अंत में नवंबर-दिसंबर में पंचायत चुनाव होने हैं।

क्या है आर्टिकल 35-A
आर्टिकल 35-A के जरिये जम्मू-कश्मीर की सरकार को विशेष अधिकार प्राप्त है कि वहां का स्थायी निवासी कैसे तय होगा और अन्य नागरिकों को क्या-क्या अधिकार दिए जाएंगे। यह आर्टिकल राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल में लागू हुआ था। 14 मई 1954 से यह जम्मू-कश्मीर में लागू है। यह आर्टिकल, आर्टिकल 370 का ही एक हिस्सा है। इसकी वजह से कोई भी दूसरे राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में न तो संपत्ति खरीद सकता है और न ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।

 

Created On :   5 Sep 2018 11:36 AM GMT

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