नेशनल लोक अदालत आज, समझौते के आधार पर होगा प्रकरणों का निराकरण

National lok adalat today case resolved on basis of the agreement
नेशनल लोक अदालत आज, समझौते के आधार पर होगा प्रकरणों का निराकरण
नेशनल लोक अदालत आज, समझौते के आधार पर होगा प्रकरणों का निराकरण

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर 13 जुलाई को सुबह 10.30 से शाम 5 बजे तक हाईकोर्ट से लेकर जिला, तालुका, श्रम और कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। लोक अदालत में समझौते के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य-सचिव अमनीश कुमार वर्मा ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, चेक बाउंस प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण, श्रम विवाद, विद्युत एवं जल कर विवाद, भूमि अधिग्रहण और सेवानिवृत्ति लाभों से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। 

हाईकोर्ट में चार खंडपीठों में होगी सुनवाई 

हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव राजीव कर्महे ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए हाईकोर्ट में चार खंडपीठों का गठन किया गया है। जस्टिस नंदिता दुबे, जस्टिस एके श्रीवास्तव, जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस विशाल धगट की खंडपीठ में लगभग 1500 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे जाएंगे। 

जिला न्यायालय में 64 खंडपीठों का गठन 

नेशनल लोक अदालत के लिए जिला न्यायालय में 64 खंडपीठों का गठन किया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शरद भामकर ने बताया कि लोक अदालत में विद्युत संबंधी प्रकरणों में विशेष छूट भी दी जाएगी। प्रीलिटिगेशन के स्तर पर सिविल दायित्व में 40 प्रतिशत और ब्याज में 100 प्रतिशत की छूट और लिटिगेशन के स्तर पर सिविल दायित्व में 25 प्रतिशत और ब्याज में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

14 दिन में आदेश का पालन करो, नहीं तो कलेक्टर को हाजिर होना पड़ेगा

हाईकोर्ट के जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अंजली पालो की युगल पीठ ने आदेशित किया है कि 14 दिन में राजस्व अभिलेख में याचिकाकर्ता का नाम भू-स्वामी के रूप में दर्ज किया जाए। युगल पीठ ने कहा है कि आदेश का पालन नहीं होने पर जबलपुर कलेक्टर को हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। गढ़ा जबलपुर निवासी बालगोविंद ज्योतिषी की ओर से दायर याचिका में कहा है कि उसकी लगभग ढ़ाई एकड़ जमीन को नगरीय अतिशेष घोषित कर दिया गया था। इसके बाद जमीन को राज्य सरकार के नाम पर दर्ज कर दिया गया था। उन्होंने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में जमीन को याचिकाकर्ता के नाम पर दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके लिए 90 दिन की समय सीमा तय की गई थी। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका दायर की गई। 1 अप्रैल 2019 को राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई।अधिवक्ता अभिजित अवस्थी ने तर्क दिया कि आदेश के बाद भी राजस्व अभिलेख में याचिकाकर्ता का नाम भू-स्वामी के रूप में दर्ज नहीं किया जा रहा है। युगल पीठ ने आदेशित किया है कि 14 दिन में राजस्व अभिलेख में याचिकाकर्ता का नाम भू-स्वामी के रूप में दर्ज किया जाए, नहीं तो जबलपुर कलेक्टर को हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा।
 

Created On :   13 July 2019 8:13 AM GMT

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