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सरकार का स्पष्टीकरण , किसान-व्यापारियों के लिए नहीं 'रासुका'
दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, भोपाल। एमपी में एक जुलाई से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) को लागू करने संबंधी खबरों के मामले में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 'रासुका' लागू करना एक सतत प्रक्रिया है। यह जीएसटी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों, व्यापारियों और किसानों के लिए नहीं है। इसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। 'रासुका' को एमपी में प्रत्येक वर्ष तीन महीने के लिए लागू करना एक सतत प्रक्रिया है।
अपर मुख्य गृह सचिव केके सिंह के अनुसार राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा-3 की उपधारा-3 में प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत प्रत्येक तीन माह के लिए यह लागू की जाती है। जिला दण्डाधिकारियों को उनके जिलों की स्थानीय सीमाओं के भीतर साम्प्रदायिक सद्भाव को संकट में डालने वालों और लोक व्यवस्था सहित राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल असर डालने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के लिए ये अधिकार दिए जाते हैं। सिंह की मानें तो इसी क्रम में आगामी तीन माह एक जुलाई 2017 से 30 सितम्बर 2017 तक की अवधि के लिये अधिकार दिए गए हैं। यह एक सतत एवं सामान्य प्रक्रिया है, जो प्रत्येक वर्ष हर तीन माह के लिये अपनाई जाती है।
Created On :   26 Jun 2017 1:09 PM GMT