नवरात्रि का पांचवा दिन : ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा

नवरात्रि का पांचवा दिन : ऐसे करें मां स्कंदमाता की पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। मां की कृपा से संतान और धन की प्रप्ति होती है। यह देवी चेतना का निर्माण करने वाली देवी हैं।

मां के हर रूप की तरह यह रूप भी बेहद सरस और मनमोहक है। स्कंदमाता अपने भक्त को मोक्ष प्रदान करती है। कोई मनुष्य चाहे जितना भी बड़ा पापी क्यों ना हो अगर वह मां के शरण में पहुंचता है तो मां उसे अपने ममतामयी आंचल से ढ़क लेती हैं। मां अपने भक्तों के सारे दोष और पाप को दूर कर देती है। 

मां स्कंदमाता को वात्सल्य की प्रतिमूर्ति भी कहा जाता है। मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कंद कुमार हैं और इनका यह रूप साफ जाहिर करता है कि यह ममता की देवी अपने भक्तों को अपने बच्चे के समान समझती हैं। साथ ही मां स्कंदमाता की पूजा करने से भगवान स्कंद की पूजा भी स्वत: हो जाती है।

इस देवी की चार भुजाएं हैं। यह दायीं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। बायीं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में हैं और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है।

क्या चढ़ाए भोग

मां को केले का भोग अति प्रिय है। इन्हें केसर डालकर खीर का प्रसाद भी चढ़ाना चाहिए। स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सच्चे मन से मां की पूजा करने से व्यक्ति को दुःखों से मुक्ति मिलकर मोक्ष और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। 

नवरात्र के पांचवे दिन लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह् सिंदूर, लाल चूड़ी, महावर, नेल पेंट, लाल बिंदी, सेब , लाल फूल और चावल बांधकर मां की गोद भरने से भक्त को संतान की प्राप्ति होती है। मां के श्रृंगार के लिए खूबसूरत रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। स्कंदमाता और भगवान कार्तिकेय की पूजा विनम्रता के साथ करनी चाहिए। 

कैसे करें मां स्कंदमाता की पूजा

मां की पूजा विधि अत्यंत सरल है। मां की पूजा कुमकुम, अक्षत से की जाती है। मां को चंदन लगाया जाता है फिर तुलसी माता के सामने दीपक जलाया जाता है। मां की पूजा के दौरान भक्त को पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए।

Created On :   21 March 2018 12:28 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story