कोयला घोटाला : जिंदल के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश

Naveen Jindal faces additional charges in Amarkonda Murgdangal coal allocation case
कोयला घोटाला : जिंदल के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश
कोयला घोटाला : जिंदल के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश
हाईलाइट
  • 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किये जायेंगे।
  • उद्योगपति नवीन जिंदल के खिलाफ घूसखोरी के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश।
  • सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला खदान आवंटन मामले में दिए आदेश।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और भारत के जाने-माने उद्योगपति नवीन जिंदल की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला खदान आवंटन मामले में जिंदल के खिलाफ घूसखोरी के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश दिया है। बता दें की भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम,1988 की धारा 12 के तहत रिश्वत एक दंडनीय अपराध है, जिसमें छह महीने से पांच वर्ष की अवधि के लिए कारावास का प्रावधान है।

16 अगस्त को तय होंगे आरोप
विशेष न्यायाधीश भारत पाराशर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किये जायेंगे। अदालत ने जिंदल सहित निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्य नारायण, मुंबई एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील मारू और जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपीएल) के सलाहकार आनंद गोयल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बी) की धारा 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोपों को तय करने का भी निर्देश दिया है।

रिश्वत के लगाए थे आरोप
इससे पहले, सीबीआई की विशेष अदालत ने जिंदल और अन्य के खिलाफ झारखंड कोल ब्लॉक में अनियमितताओं से संबंधित मामले में रिश्वत के आरोप लगाए थे। बाद में अदालत ने नारायण, मारू, गोयल और गुड़गांव के ग्रीन इन्फ्रा के सिद्धार्थ माद्रा और मुंबई स्थित के ई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल के खिलाफ अतिरिक्त चार्जशीट दायर की थी। पिछले साल 4 सितंबर को, अदालत ने जिंदल समेत तीन अन्य लोगों को मध्य प्रदेश में उरतान नॉर्थ कोल ब्लॉक में अनियमितताओं के मामले में एक - एक लाख के मुचलके पर जमानत दी थी।

क्या है पूरा मामला ?
1.86 लाख करोड़ रुपये का यह घोटाला उस वक्त सामने आया था जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने मार्च 2012 में अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में सरकार पर आरोप लगाया था कि उसने 2004 से 2009 तक की अवधि में कोयला ब्लॉक का आवंटन गलत तरीके से किया। सीएजी की अंतिम रिपोर्ट के मुताबिक इससे सरकारी खजाने को 1 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान पहुंचा थआ और कंपनियों ने बेहिसाब मुनाफा कमाया था। सीएजी के मुताबिक सरकार ने कई फर्म्स को बिना किसी नीलामी के कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे।

Created On :   13 July 2018 4:56 PM GMT

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