नवरात्र में करें इन सिद्ध मंत्रों का जाप, मिलेगा धन, संतान सुख
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवशक्तियों से युक्त नवरात्र, प्रत्येक का अपना अलग महत्व और महिमा है। मां के प्रत्येक स्वरूप को मनाने के लिए अलग विधि और मंत्र है। यहां हम आपको कुछ ऐसे ही सिद्ध मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं...
नवरात्र में पहले दिन अर्थात प्रतिपदा के दिन घटस्थापना के बाद संकल्प लेकर प्रातः स्नान करके मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र की पंचोपचार या दक्षोपचार या षोड्षोपचार से पुष्प, धूप दीपक नैवेद्य निवेदित कर पूजा करें। मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। इसके बाद मंत्रों का जाप करें। नवरात्रि में संयमपूर्वक की गई प्रार्थना और भक्ति माता स्वीकार करती हैं भक्तों को उचित मार्ग दिखाती हैं।
विपत्तिनाशक मंत्र
शरणागतर्दिनार्त परित्राण पारायणे। सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥
सर्वकल्याण के लिए
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
बाधा मुक्ति एवं धन.पुत्रादि प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
शत्रु नाश के लिए
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टारनां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय ह्रीं ॐ स्वाहा।
ऐश्वर्य प्राप्ति एवं भय मुक्ति मंत्र
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य,आरोग्य सम्पदः। शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
दरिद्रता नाश के लिए
दुर्गेस्मृता हरसि भतिमशेशजन्तोरू स्वस्थैंरू स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दरिद्रयदुखभयहारिणी कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।।
Created On :   21 Sep 2017 4:54 AM GMT