बंगाल दुर्गा पूजन में इसलिए चढ़ाया जाता है मांस, ऐसी है परंपरा

navratri 2017 The Durga pujas of West Bengal, read the culture
बंगाल दुर्गा पूजन में इसलिए चढ़ाया जाता है मांस, ऐसी है परंपरा
बंगाल दुर्गा पूजन में इसलिए चढ़ाया जाता है मांस, ऐसी है परंपरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के हर स्थान पर दुर्गा पूजा, दशहरे का महत्व है। पूजन, परंपराएं और विधि-विधान कुछ अलग है, लेकिन हर कोई देवी की आराधना करता है। उत्तर भारत में नवरात्र आस्था का प्रतीक है। देश के इस हिस्से में नवरात्र तप और संयम के साथ मनाया जाता है। यहां हम अापको कुछ ऐसी अलग परंपराआें के बारे में बताने जा रहे हैं...

  • गुजरात में नवरात्र देवी के युद्ध जीतने का महान उत्सव है, जिसे यहां के लोग डांडिया और गरबा जैसे नृत्यों के साथ धूम-धाम से मनाते हैं। 
  • बंगाल में दुर्गा पूजा बेटी उमा के मायके वापस आने का मौका है। जिसकी खुशी में लोग 4 दिन बेहतरीन किस्म का खाना खाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं अच्छा श्रंगार करते हैं। इस दिन बेटी के पैदा होने या अपने घर में बेटी होने का जश्न भी मनाया जाता है। 
  • बेटी को मां मानने का ये ढंग ऐसा है कि बंगाल में कई पारंपरिक परिवारों में पुरुष बच्चियों को मां कह कर ही बुलाते हैं, इसके साथ ही वहां की लोक कथाओं में देवी के महिषासुर वध से पहले मदिरापान का जिक्र आता है। जिसकी वजह से मदिरा सेवन भी कहीं-कहीं देखने मिल जाता है। 
  • बंगाल में नवरात्र मनाने और देवी पूजन का तरीका भी सबसे अलग है। जो मूर्ति निर्माण से लेकर धुधुची पूजन तक में देखने मिलता है।
  • हिमाचल और उत्तराखंड में मान्यता है कि देवी को शराब और मांस बहुत प्रिय है, इसलिए देवी की पूजा के लिए मांस का भोग लगता है और इसी का प्रसाद बांटा जाता है।
  • गोरखपुर की तर्कुला देवी मंदिर में भी बिना प्याज-लहसुन का मांस प्रसाद स्वरूप बांटने की परंपरा है। लोग इसे खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं और माता पर अपनी कृपा मानते हैं।

Created On :   29 Sep 2017 7:53 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story