सप्तमी तिथि पर विशेष रूप से करें मां सरस्वती की पूजा, मिलेगा यह वरदान

Navratri 2018: Know the puja of maa saraswati and Maa Kaalratri on the Saptami
सप्तमी तिथि पर विशेष रूप से करें मां सरस्वती की पूजा, मिलेगा यह वरदान
सप्तमी तिथि पर विशेष रूप से करें मां सरस्वती की पूजा, मिलेगा यह वरदान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नवरात्रि की सप्तमी तिथि में पर मां कालरात्री की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की भी विशेष पूजा की जाती है। जो इस बार 16 अक्टूबर 2018 को की जाएगी। इस दिन माता सरस्वती की पूजा से ज्ञान, विद्या और बुद्धि का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस दिन लिया जाता है।

कहीं आपकी कुंडली में ज्ञान, विद्या, बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा में बार-बार बाधा का योग बन रहा है, तो नवरात्रि में सप्तमी तिथि को माता सरस्वती की पूजा-साधना करने से ज्ञान की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इस दिन कैसे करें मां सरस्वती की उपासना और किन बातों का रखें ध्यान?

सप्तमी के दिन पीले या सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें, और काले या लाल वस्त्र का त्याग करें। पीले या सफ़ेद वस्त्र धारण कर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख कर पूजा आरम्भ करें। यह पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में ही पूरी करें। माता सरस्वती को श्वेत चन्दन के साथ पीले और सफ़ेद पुष्प अवश्य ही अर्पित करें और भोग प्रसाद में मिश्री, दही अर्पित करें।

मां सरस्वती के इस बीज मंत्र मंत्र का कमल गट्टे या वैजन्ती की माला से 108 बार अर्थात एक माला का जप करें।

"ॐ ऐं नमः" या "ॐ सरस्वत्यै नमः"

मंत्र जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें। जातक को या जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या है वो जातक नवरात्रि की सप्तमी के दिन से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें। फिर प्रति बुधवार को माता सरस्वती को श्वेत पुष्प अर्पित करें संगीत या कला के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सप्तमी के दिन सरस्वती माता के मन्त्र से केसर अभिमंत्रित कर अपनी जिभ्या पर अपनी माता, ज्ञानी व्यक्ति या अपने गुरु से "ऐं" लिखवाएं।

माता को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

  • इस दिन माता सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम को लिखने में प्रयोग करें। 
  • पीले या सफ़ेद वस्त्र अवश्य धारण करें, काले,नीले रंग से बचाव या परहेज करें। 
  • इस दिन केवल सात्विक भोजन करें तथा प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। 
  • इस दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित कर अपने कंठ में धारण करना भी जातक को श्रेष्ठ परिणाम देगा। 

Created On :   15 Oct 2018 11:14 AM GMT

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