मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम को नजर आया दूसरा शव, निकालने की कोशिश में जुटी टीम

Navy discovers second body 280 feet inside rat hole mine of Meghalaya
मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम को नजर आया दूसरा शव, निकालने की कोशिश में जुटी टीम
मेघालय खदान हादसा : रेस्क्यू टीम को नजर आया दूसरा शव, निकालने की कोशिश में जुटी टीम
हाईलाइट
  • इंडियन नेवी की डाइविंग टीम ने इस शव का पता लगाया गया है।
  • मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स की अवैध कोयला खदान में शनिवार को नेवी को दूसरा शव दिखाई दिया है।
  • ये शव 280 फीट की गहराई में फंसा हुआ है।

डिजिटल डेस्क, शिलॉन्ग। मेघालय में पूर्वी जयंतिया हिल्स की अवैध कोयला खदान में शनिवार को इंडियन नेवी को दूसरा शव दिखाई दिया है। ये शव 280 फीट की गहराई में फंसा हुआ है। नेवी की डाइविंग टीम ने इस शव का पता लगाया गया है। अब इसे निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। EJH जिले के डिप्टी कमिश्नर फेडरिक डोप्थ ने बताया कि सुबह करीब 3 बजे इस शव का पता चला है। इससे पहले शुक्रवार को रेस्क्यू टीम ने 200 फीट की गहराई से एक मजदूर के शव को निकाला था। जिसकी पहचान असम के चिरांग जिले के आमिर हुसैन के रूप में हुई थी। बता दें कि 43 दिन पहले करीब 15 मजदूर कोयले की इस अवैध खदान में फंस गए थे। इनकी तलाश के लिए नेवी और एनडीआरएफ की जॉइंट टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।

 

 

बता दें कि 370 फीट गहरी इस अवैध खदान में 13 दिसंबर को मजदूर उतरे थे। कुछ देर बाद अचानक पास बहने वाली लैटीन नदी का पानी इस खदान में भर गया। हालांकि पानी भरने से पहले पांच मजदूर बाहर निकल आए थे। असम के चिरांग जिले के साहिब अली ने बताया था कि वह उन पांच लोगों में से एक है जो पास की एक नदी के पानी आने से ठीक पहले खदान से बाहर आने में कामयाब रहे थे। साहिब अली ने कहा था "मैं कोयले से भरी गाड़ी को खींचते हुए खदान के अंदर करीब 5 से 6 फीट अंदर था। कुछ अज्ञात कारणों से, मैं खदान के अंदर एक हवा महसूस कर सकता था जो असामान्य था। उन्होंने कहा, "यह पानी के घुसने की आवाज थी। मैं बड़ी मुश्किल से इसे गड्ढे से बाहर निकला।" साहिब का कहना था कि "खदान में फंसे मजदूरों के जिंदा होने की कोई उम्मीद नहीं है। कोई भी आदमी आखिर कितना समय तक पानी के अंदर सांस ले सकता है।"

इस मामले में कोयला खदान के मालिक जरीन को नरवन गांव से गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं अवैध कोयला खदान के प्रबंधक सहित और लोगों की तलाश की जा रही थी। इस खदान को रैट होल भी कहा जाता है। एनजीटी ने भी इस खदान में खनन पर रोक लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद यहां पर अवैध तरीके से खनन का काम जारी थी। इसके बाद NGT ने अवैध कोयला खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

Created On :   26 Jan 2019 12:08 PM GMT

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